जापान के प्रधानमंत्री भारत पहुंचे, पीएम से मुलाकात, शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग
भारत सरकार के आधिकारिक निमंत्रण पर जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदाअपने तो दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंच चुके हैं। जापानी प्रधानमंत्री की अगवानी के लिए केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव उपस्थित रहे। भारत और जापान के 14वें वार्षिक शिखर सम्मेलन भाग लेने से पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
जापान मीडिया की रिपोर्ट की अनुसार फुमियो किशिदा अपनी भारत यात्रा के दौरान जापानी कंपनियों द्वारा भारत में प्रत्यक्ष निवेश बढ़ाने और अपनी क्षमता विस्तार की घोषणा कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दौरान जापानी प्रधानमंत्री देश को 300 अरब येन के ऋण को मंज़ूरी दे सकते हैं। दोनों देश कार्बन कटौती से संबंधित ऊर्जा सहयोग दस्तावेज़ पर भी हस्ताक्षर कर सकते है। भारत में अगले पांच सालों के लिए जापान 42 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की घोषणा भी कर सकता है।
Japanese Prime Minister Fumio Kishida arrives in Delhi on a two-day visit.
He will take part in the 14th India-Japan Annual Summit, besides holding bilateral talks with PM Narendra Modi.
Union Minister Ashwini Vaishnaw receives Fumio Kishida. pic.twitter.com/ORmRaSTwH3
— ANI (@ANI) March 19, 2022
याद रहे कि जापान भारत के शहरी बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ भारत में उच्च गति रेलवे परियोजना के लिए थी सहयोग कर रहा है। जापान की शिनकानसेन बुलेट ट्रेन प्रौद्योगिकी पर आधारित हाई स्पीड ट्रेन योजना में जापान भारत सरकार की मदद कर रहा है। शनिवार को अपनी दो दिवसीय पर नई दिल्ली पहुंच जापानी प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक निमंत्रण के बाद यह यात्रा की है। दोनों नेताओं की बीच होने वाली मुलाकात और शिखर बैठक के बाद दोनों देशों के संबंधों में नए आयाम स्थापित होने की संभावना है।
इकोनॉमिक टाइम्स ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा शनिवार को अपनी भारत यात्रा के दौरान देश में 5,000 अरब येन (42 अरब अमेरिकी डॉलर) के निवेश की घोषणा कर सकते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में उक्त जानकारी देते हुए बताया गया कि यह निवेश अगले पांच वर्षों में किया जाएगा।
बता दें कि इस संबंध में जापान के निक्केई अखबार की रिपोर्ट के अनुसार 5,000 अरब येन का निवेश, किशिदा के पूर्ववर्ती शिंजो आबे द्वारा 2014 में घोषित 3,500 अरब येन के निवेश और वित्त पोषण के अतिरिक्त होगा।