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अवैध खनन मामले में आरोपी जनार्दन रेड्डी, भाजपा में शामिल

अवैध खनन मामले में आरोपी जनार्दन रेड्डी भाजपा में शामिल

कर्नाटक के चर्चित माइनिंग कारोबारी और गंगावती सीट से विधायक जनार्दन रेड्डी सोमवार को भाजपा में शामिल हाे गए। रेड्‌डी ने अपनी पार्टी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (KRPP) का भी भाजपा में विलय कराया। लोकसभा चुनाव से पहले वह एक बार फिर से बीजेपी में लौट आए हैं। रेड्डी अवैध खनन से जुड़े नौ सीबीआई मामलों में आरोपी हैं। ये मामले तब के हैं जब 2008 से 2013 के दौरान भाजपा कर्नाटक की सत्ता पर काबिज थी। बेंगलुरु में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने उन्हें सदस्यता दिलाई।

2023 के राज्य चुनावों में उत्तरी कर्नाटक के कुछ जिलों में भाजपा को केआरपीपी के कारण काफी नुकसान हुआ था। अब उसी की भरपाई करने के लिए रेड्डी की वापसी हुई है। रेड्डी वर्तमान में राज्य में केआरपीपी के एकमात्र विधायक हैं। सोमवार को केआरपीपी के भाजपा में विलय के बाद पत्रकारों से बात करते हुए रेड्डी ने कहा कि उन्होंने भाजपा को समर्थन देने की पेशकश की थी लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विलय पर जोर दिया।

रेड्डी ने कहा- यहां आकर ऐसा लग रहा है जैसे मैं अपनी मां की गोद में वापस आ गया हूं। गृह मंत्री अमित शाह ने मुझे दिल्ली बुलाकर कहा था कि बाहर से समर्थन देने के बजाय आपको भाजपा में शामिल होना चाहिए। आपने राजनीतिक जन्म भी भाजपा में ही लिया था। आपको वापस आकर पार्टी को मजबूत करना चाहिए।

भाजपा में शामिल होने को “घर वापसी” बताते हुए रेड्डी ने कहा कि केआरपीपी का भाजपा में विलय करने का कदम “नरेन्द्र मोदी के हाथों को मजबूत करना और उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाना है। अपने राजनीतिक करियर में येदियुरप्पा के योगदान की प्रशंसा करते हुए रेड्डी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह अब पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे विजयेंद्र के साथ पार्टी में काम करेंगे। रेड्डी ने कहा, “ भाजपा हमेशा से मेरे खून में थी, लेकिन कुछ कारणों से मैं पार्टी से चला गया था। पर, आज मुझे लगता है कि मैं अपनी मां की गोद में वापस आ गया हूं।

रेड्डी दिवंगत भाजपा नेता सुषमा स्वराज के करीबी नेता माने जाते थे। 2011 में अवैध खनन मामले में वे गिरफ्तार हुए थे, जिसके बाद सुषमा ने उनसे दूरी बना ली थी। 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय से रेड्डी ने भी पार्टी से दूरी बना ली थी। करीब दो दशक भाजपा में रहने के बाद उन्होंने 2022 में इस्तीफा दिया और अपनी पार्टी बनाई थी।

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