संभल की जामा मस्जिद पर मंदिर होने दावा, कोर्ट के आदेश पर सर्वे
एक के बाद एक ऐतिहासिक मस्जिदों पर दावे का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। अब संभल की जामा मस्जिद पर ‘हरिहर मंदिर’ होने का दावा किया गया है। इस मामले में हैरान करने वाली बात यह है कि मंगलवार शाम 4 बजे सीनियर सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत में याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने तुरंत सर्वे का आदेश दिया और उसी शाम सर्वे भी कर लिया गया।
कोर्ट कमिश्नर द्वारा किए गए सर्वे में 2 घंटे तक पूरी मस्जिद की वीडियोग्राफी की गई। इस दौरान कई जिला अधिकारी, जिनमें जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक भी शामिल थे, मौजूद रहे। सर्वे के चलते इलाके में तनाव फैल गया, जिससे अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई। पुलिस की कई गाड़ियां जामा मस्जिद पहुंची और कोर्ट कमिश्नर मस्जिद का ताला खोल रहे हैं। मस्जिद कमेटी के सदस्य भी वहां मौजूद थे, लेकिन उनके चेहरों पर बेबसी साफ झलक रही थी।
संभल सिविल कोर्ट में जामा मस्जिद के खिलाफ दाखिल याचिका की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने की। मीडिया से बातचीत में उन्होंने जामा मस्जिद को “मंदिर” कहकर संबोधित किया और कहा, “संभल का मंदिर हमारी उपासना स्थल है। हम सभी का विश्वास है कि कल्कि का 10वां अवतार यहीं होगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि बाबर ने मंदिर को आंशिक रूप से तोड़कर मस्जिद बनाई।
उनका दावा है कि “1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़ने की कोशिश की और उसकी जगह मस्जिद का निर्माण किया। मस्जिद में कई ऐसी निशानियां मौजूद हैं जो हिंदू मंदिर की हैं। इसी आधार पर कोर्ट के आदेश पर सर्वे किया गया।” एडवोकेट विष्णु शंकर, सीनियर एडवोकेट हरी शंकर जैन के बेटे हैं। दोनों पिता-पुत्र अब तक 110 से अधिक मामलों की पैरवी कर चुके हैं, जिनमें मथुरा की शाही ईदगाह और बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद के केस शामिल हैं।
सर्वे के कारण इलाके में तनाव फैल गया और चिंतित लोग मस्जिद के बाहर इकट्ठा हो गए। भीड़ को देखकर सर्वे टीम के हाथ-पांव फूल गए। पुलिस और प्रशासन को भीड़ पर काबू पाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान इलाके के अधिकतर मुस्लिम दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर मस्जिद पहुंच गए। वहीं दूसरी तरफ, तनाव को देखते हुए अन्य समुदाय के लोग भी अपनी दुकानें बंद कर घर चले गए।
मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुई भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे हालात बिगड़ने लगे। स्थिति को बिगड़ते देख एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने संभाल कोतवाली के साथ नखासा, हयात नगर, केला देवी, हजरत नगर गढ़ी, असमोली थानों की फोर्स को बुला लिया। समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क़ भी सर्वे की सूचना मिलते ही जामा मस्जिद पहुंचे। उन्होंने भी हालात काबू में लाने में अहम भूमिका निभाई।
सर्वे के बारे में सांसद और मस्जिद कमेटी के सदस्यों ने बताया कि “न तो कोई आपत्तिजनक चीज मिली और न ही कोई ऐसी निशानी या प्रतीक मिला, जो मंदिर से मिलता-जुलता हो।” कोर्ट ने 7 हफ्तों के भीतर सर्वे रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।