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सिंघु, टीकरी और गाजीपुर सीमा पर इंटरनेट सेवाएं 31 जनवरी तक बंद रहीं

धरने वाली जगहों पर फिर से इखट्टा हो रहे रहे किसानो को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज एक बार फिर, आपातकालीन प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए, सिंधु बॉर्डर, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर इलाकों में अस्थायी रूप से इंटरनेट सेवाओं को दो दिन के लिए बंद कर दिया। तीन स्थानों पर बड़ी संख्या में किसानों के एकत्रित होने के बाद, भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमा पर बंद किया गया है ।

सरकार ने इस से पहले 26 जनवरी को राजधानी से मिले इन क्षेत्रों और आस-पास के क्षेत्रों में अस्थायी रूप से इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया था। गृह मंत्रालय के नए आदेशों में कहा गया है कि सिंधु, गाजीपुर और तकरी और आसपास के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों के कुछ हिस्सों में सुरक्षा को बनाए रखने और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति के मद्देनजर इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद किया जा रहा है।

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा और हंगामे के बाद, गृह मंत्रालय ने पुलिस को स्थिति से निपटने के लिए सख़्ती के साथ हालात से निपटने का आदेश दिया था। इसके अलावा, दंगाइयों और कुछ किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं। पुलिस और प्रशासन की सख्ती के बाद एक बार फिर लगने लगा था कि विरोध यहीं खत्म हो जाएगा। हालांकि, जैसे ही रात हुई, आंदोलन फिर से शुरू हो गया। गाजीपुर इलाके में किसानों की भारी भीड़ जमा हो गई है।

इस बीच, प्रशासन के निशाने पर आए किसान नेता राकेश टिकैत रालोद का भी साथ मिल गया है। रालोद नेता अजीत सिंह ने राकेश टिकैत से बात की और कहा कि चिंता मत करो, हर कोई आपके साथ है।

बता दें कि किसानों ने फैसला किया है कि वे गाजियाबाद प्रशासन के आदेश को अदालत में चुनौती देंगे और इस संबंध में एक याचिका दायर की जाएगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति दी है।

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