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अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भारत को दी चेतावनी

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भारत को दी चेतावनी

महिला पहलवान खिलाड़ियों का धरना प्रदर्शन, और हिरासत में लिए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। हिरासत में लिए जाने और जंतर मंतर से जबरन तंबू उखाड़े जाने से पहलवान खिलाड़ी इतना निराश हुए कि, अपना मेडल गंगा में बहाने के लिए हरिद्वार पहुँच गए, लेकिन बाद में भारतीय किसान नेताओं के समझाने के बाद फिलहाल उन्होंने अपना फ़ैसला बदल दिया है।

यह भी वास्तविकता है कि महिला पहलवान खिलाड़ियों के आरोप पर सत्ताधारी पार्टी का कोई भी नेता या प्रवक्ता खुल कर नहीं बोल रहा है। अभी सोशल मीडिया पर भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक महिला पत्रकार द्वारा पहलवानों पर पूछे गए प्रश्न को सुनकर दौड़ते हुए भागने लगती है।

पहलवानों के धरना प्रदर्शन का मुद्दा अब राष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय बन गया है और इसमें अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की भी इंट्री हो गई है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने भारत में महिला पहलवानों के साथ हुई बदसलूकी और सारे घटनाक्रम पर सख्त आपत्ति जताई है। उसने चेतावनी भी जारी की है। भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस संस्था की सदस्यता से बाहर भी किया जा सकता है।

स्विट्जरलैंड के लुसाने से आईओसी के प्रवक्ता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि रविवार 28 मई को भारतीय एथलीटों के साथ जो “तरीका” अपनाया गया, उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें घंटों हिरासत में रखा गया, वह “बहुत परेशान करने वाला” है।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक IOC ने यौन उत्पीड़न के आरोपों की “निष्पक्ष, आपराधिक जांच” के लिए कहा और कहा: “हम आग्रह करते हैं कि इस प्रक्रिया के दौरान इन एथलीटों की सुरक्षा और भलाई पर विधिवत विचार किया जाए और यह जांच तेजी से पूरी की जाए।

आईओसी ने पीटी उषा की अध्यक्षता वाले भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) से भी आग्रह किया कि वो भारतीय एथलीटों की रक्षा के लिए आगे आए। आईओए अब तक सारे मामले में चुप्पी साधे हुए है।

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