उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा को हुए नुकसान पर आंतरिक समीक्षा में सामने आईं 5 प्रमुख वजहें

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा को हुए नुकसान पर आंतरिक समीक्षा में सामने आईं 5 प्रमुख वजहें

उत्तर प्रदेश, देश का सबसे बड़ा सूबा, इस बार लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए एक कठिन मैदान साबित हुआ। चुनावों में करारी हार के बाद, बीजेपी ने हार के कारणों का पता लगाने के लिए एक आंतरिक समीक्षा की। इसी संदर्भ में, यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने 22 जून को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में हार की पांच प्रमुख वजहें उजागर की गई हैं, जिन पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है।

हार के पीछे ये हैं 5 प्रमुख कारण:
1-अधिकारियों की मनमानी: चुनाव के दौरान अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से काम करने की वजह से कई जगहों पर जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं हो पाई। इससे मतदाताओं में असंतोष बढ़ा और बीजेपी के प्रति उनका विश्वास कम हुआ।

2-जनप्रतिनिधियों की अनसुनी: चुनाव के समय जनप्रतिनिधियों की समस्याओं और मांगों को दरकिनार कर दिया गया। इसके चलते पार्टी के अंदरूनी ढांचे में खलबली मच गई और नेताओं का मनोबल कमजोर हुआ।

3-संविदा पर की जा रही भर्तियों में आरक्षण न होना: संविदा पर की जा रही भर्तियों में आरक्षण न होने के कारण समाज के विभिन्न वर्गों में असंतोष पनपने लगा। यह असंतोष चुनावों में बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में सहायक साबित हुआ।

4-संविधान बदलने की बात: बीजेपी नेताओं द्वारा संविधान बदलने की बात करना भी हार की एक बड़ी वजह बनी। इससे जनता में पार्टी के प्रति विश्वास कम हुआ और वोटरों ने बीजेपी के खिलाफ मतदान किया।

5-मतदाता सूची से नाम कटना: मतदाता सूची से बड़ी संख्या में नाम कटने की घटनाएं भी सामने आईं, जिससे कई मतदाताओं ने वोट देने का अधिकार खो दिया। इसका सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ा।

यूपी में बीजेपी का प्रदर्शन:
2019 के मुकाबले 2024 के चुनाव में बीजेपी की स्थिति कमजोर हो गई है। 2019 में बीजेपी ने 62 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि इस बार मात्र 33 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल अपना दल और आरएलडी को क्रमशः एक और दो सीटों पर जीत मिली, जिससे कुल मिलाकर एनडीए के खाते में 36 सीटें आईं।

इंडिया गठबंधन का बेहतरीन प्रदर्शन:
दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन ने उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन किया है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के गठबंधन ने कुल 43 सीटों पर जीत हासिल की है। समाजवादी पार्टी ने 36 सीटों पर जीत दर्ज की, कांग्रेस को 6 सीटें मिलीं, जबकि तृणमूल कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई।

अयोध्या-फैजाबाद सीट पर हार:
अयोध्या-फैजाबाद लोकसभा सीट पर हार बीजेपी के लिए विशेषकर चौंकाने वाली रही। राम मंदिर निर्माण के बाद बीजेपी यहां से जीत का दावा कर रही थी, लेकिन चुनाव नतीजों में समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने बाजी मारी। इस हार ने पार्टी को गहन आत्ममंथन पर मजबूर कर दिया है।

बीजेपी की आंतरिक समीक्षा में हार के कारणों को उजागर करने के बाद पार्टी ने आगे की रणनीति पर विचार करना शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि ये विश्लेषण पार्टी को भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा। समीक्षा में सामने आए मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, पार्टी ने उन पर काम करने का संकल्प लिया है ताकि आगामी चुनावों में सफलता हासिल की जा सके।

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