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अनशन समाप्त करने के लिए अकाल तख्त की जगह, पीएमओ से संपर्क करें: डल्लेवाल

अनशन समाप्त करने के लिए अकाल तख्त की जगह, पीएमओ से संपर्क करें: डल्लेवाल

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 46 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। अनशन के कारण उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। डल्लेवाल ने भारतीय जनता पार्टी की पंजाब यूनिट पर निशाना साधते हुए एक वीडियो संदेश साझा किया है। डल्लेवाल ने स्पष्ट किया कि, उनका अनशन कोई व्यापार या शोक नहीं है, बल्कि एक गंभीर आंदोलन है। उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी मांगों को मान लें, तो वह अनशन समाप्त कर देंगे।

डल्लेवाल ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि बीजेपी की पंजाब इकाई ने अकाल तख्त से संपर्क किया था और जत्थेदार से उन्हें अपना उपवास समाप्त करने का निर्देश देने का आग्रह किया था। डल्लेवाल ने कहा- “हालांकि, मुझे लगता है कि बीजेपी नेता गलत दिशा में जा रहे हैं। अकाल तख्त से संपर्क करने के बजाय, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय (पीएमओ) से संपर्क करना चाहिए और मामले को सुलझाने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग करनी चाहिए।”

इसी वीडियो में डल्लेवाल ने कहा- “आपको उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के कार्यालय जाना चाहिए, जो पहले ही किसानों के मुद्दों पर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। आपको कृषि मंत्री (शिवराज सिंह चौहान) के कार्यालय और गृहमंत्री अमित शाह के कार्यालय का भी दौरा करना चाहिए।

डल्लेवाल ने कहा कि उनके उपवास के पीछे का मकसद किसानों की मांगों को स्वीकार करना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की मांगें मान लेने के बाद वह इसे खत्म कर देंगे। डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) कुमार राहुल के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने गुरुवार को खनौरी जाकर उनकी जांच की।

सुप्रीम कोर्ट भी डल्लेवाल की सेहत को लेकर सख्त है, और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वह किसान नेता से बातचीत करें। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 45 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। उनकी हालत लगातार बिगड़ रही है, लेकिन भाजपा सरकार उनकी कोई मदद नहीं कर रही है। यह वही हठधर्मिता है जिसने किसान आंदोलन में 750 किसानों की जान ली थी। किसानों के प्रति इतनी निष्ठुरता क्यों?”

डल्लेवाल के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी के लिए राजिंदर मेडिकल कॉलेज और माता कौशल्या अस्पताल, पटियाला की एक मेडिकल टीम पहले से ही खनौरी में तैनात है। दो जीवन रक्षक एम्बुलेंस भी वहां चौबीसों घंटे उपलब्ध रहती हैं। विरोध स्थल के पास सभी आपातकालीन उपकरणों और दवाओं से सुसज्जित एक अस्थायी अस्पताल स्थापित किया गया है।

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