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चीन को भारत की दो टूक , पूर्वी लद्दाख से सेना हटाए तभी बात संभव

चीन को भारत की दो टूक , पूर्वी लद्दाख से सेना हटाए तभी बात संभव
भारत यात्रा पर आए चीन के विदेश मंत्री वानग यी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल ने दो टूक कहा है कि जब तक चीन पूर्वी लद्दाख से अपनी सेना को पीछे नहीं हटाता तब तक दोनों देशों के बीच जारी वार्ता में कोई प्रगति नहीं होगी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के विदेश मंत्री ने आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध एवं यूक्रेन संकट के भू -राजनीतिक प्रभावों पर चर्चा की।

कहा जा रहा है कि अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री के साथ वार्ता में यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि किसी भी गतिरोध एवं गतिविधि से समान एवं पारस्परिक सुरक्षा भावना का उल्लंघन ना हो। डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री से मांग की है कि पूर्वी लद्दाख के शेष क्षेत्रों से भी चीनी सेना की वापसी जल्द से जल्द सुनिश्चित हो।

बता दें कि अजीत डोभाल और वांग यी के बीच मुलाकात को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक विवरण सामने नहीं आया है। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले लगभग 2 सालों से गतिरोध बना हुआ है। अजीत डोभाल के बाद चीन के विदेश मंत्री अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल दोनों देशों के बीच सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं। इस से पहले दोनों नेताओं के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए जुलाई 2020 में फोन पर लंबी बातचीत हुई थी। दोनों देश पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध का हल निकालने के लिए उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता भी कर रहे हैं। कुछ दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने कुछ क्षेत्र से अपने सैनिकों को वापस बुलाया है।

भारत और चीन की सेना के बीच पैंगोंग झील के इलाकों में हुए विवाद के बाद पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़पें हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे। बाद में दोनों पक्षों की ओर से इस क्षेत्र में हजारों सैनिक तथा भारी सैन्य साज़ो सामान की तैनाती की गई। वर्तमान में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों ओर से लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।

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