यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सज़ा टली
यमन की जेल में फांसी की सजा का सामना कर रही केरल की नर्स, निमिषा प्रिया के लिए एक राहत की खबर है। फांसी की तय तारीख- 16 जुलाई से ठीक एक दिन पहले निमिषा की फांसी अगली तारीख तक टाल दी गई है। केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली निमिषा प्रिया को 2020 में यमन के एक व्यक्ति की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था।
निमिषा प्रिया यमन के हूती समूह के नियंत्रण वाले सना की जेल में मौत की सजा का सामना कर रही हैं। भारत सरकार इस मामले में निमिषा प्रिया के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। इसने हाल के दिनों में प्रिया के परिवार को दूसरे पक्ष के साथ आपसी सहमति से समाधान निकालने के लिए और समय देने के लिए लगातार प्रयास किए हैं।
निमिषा को बचाने का एकमात्र तरीका यह है कि परिवार (यमनी व्यक्ति जिसकी मौत हुई) ‘ब्लड मनी’ यानी वित्तीय मुआवजा को स्वीकार करने के लिए सहमत हो। न्यूज एजेंसी के अनुसार सूत्र ने बताया कि भारत सरकार शुरुआत से ही मामले में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। सरकार इस कोशिश में लगी है कि मृतक का परिवार ब्लड मनी लेने के लिए राजी हो जाए।
मामले की संवेदनशीलताओं के बावजूद, भारतीय अधिकारी स्थानीय जेल अधिकारियों और अभियोजक के कार्यालय के साथ नियमित संपर्क में हैं। इसी पहल की वजह से फांसी को अभी के लिए टालने को सुनिश्चित किया जा सका है।
केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया पर साल 2017 अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या करने का आरोप है। प्रिया को हत्या के बाद देश छोड़ने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। साल 2020 में एक अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने ईरान से भी इस संबंध में मदद मांगी थी। हूती विद्रोहियों पर ईरान का काफी ज्यादा प्रभाव है।

