ईरान-इज़रायल जंग की आहट के बीच भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी
भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि भारतीय अगली सूचना तक ईरान और इज़रायल की यात्रा न करें। केंद्र ने यह सलाह शुक्रवार को क्षेत्र में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर जारी की है। विदेश मंत्रालय की ओर से यह सलाह इस महीने सीरिया में ईरान के दूतावास पर संदिग्ध इज़राइली हवाई हमले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की ईरान की धमकी के बीच आई है।
अमेरिका और रूस सहित कई देशों ने क्षेत्र में अपने कर्मचारियों और नागरिकों के लिए इसी तरह की यात्रा सलाह जारी की है। इसी बीच भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा भी सलाह जारी की गई है। सीरिया में 11 दिन पहले ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमले के बाद दोनों देशों में बढ़ते तनाव के बीच भारत ने शुक्रवार को अपने नागरिकों से ईरान और इज़रायल की यात्रा नहीं करने को कहा है।
ताजा घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि अब और भारतीयों को निर्माण क्षेत्र में काम करने के लिए इज़रायल जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले 64 भारतीय श्रमिकों का पहला जत्था इस महीने की शुरुआत में इज़रायल के लिए रवाना हुआ था।
विदेश मंत्रालय यानी एमईए ने इस यात्रा परामर्श में वर्तमान में इन दोनों देशों में रह रहे लोगों से भारतीय दूतावासों से संपर्क करने और अपना पंजीकरण कराने का भी अनुरोध किया है। सलाह में कहा गया है, ‘उनसे यह भी अनुरोध किया जाता है कि वे अपनी सुरक्षा के बारे में अत्यधिक सावधानी बरतें और अपनी गतिविधियों को कम से कम तक सीमित रखें।’
यह तब हुआ है जब सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास में विस्फोट में ईरानी जनरलों की हत्या के बाद इज़रायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ रहा है। बुधवार को इज़रायल के विदेश मंत्री ने धमकी दी थी कि अगर इस्लामिक रिपब्लिक ने अपने क्षेत्र से इजराइल के खिलाफ हमला किया तो देश की सेना सीधे ईरान पर हमला करेगी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इस बीच इज़रायल-हमास संघर्ष के फैलने के बाद देश के निर्माण क्षेत्र में श्रमिकों की कमी को पूरा करने में मदद करने के लिए अप्रैल और मई के दौरान 6,000 से अधिक भारतीय श्रमिकों के इज़रायल पहुंचने की संभावना है। सरकार स्तर पर समझौते के तहत भारत से लगभग 60 श्रमिकों को अप्रैल के पहले सप्ताह में “एयर शटल” के माध्यम से भेजा जा चुका है।