भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड वार्ता जारी, ‘कट्टी नहीं: जयशंकर
नई दिल्ली/मॉस्को। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में किसी तरह की “कट्टी” या दूरी नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक बातचीत लगातार जारी है और भारत अपनी “रेड लाइन्स” पर अडिग रहेगा। जयशंकर के मुताबिक, भारत ऐसे किसी समझौते को स्वीकार नहीं करेगा जो किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों के खिलाफ हो।
अमेरिका के टैरिफ और भारत की प्रतिक्रिया
अमेरिका ने हाल ही में भारत से होने वाले निर्यात पर 50 फीसदी तक का टैरिफ लगाने का फैसला किया है। इसमें से 25 फीसदी शुल्क पहले से लागू है और बाकी 25 फीसदी 27 अगस्त से लागू होगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था और जनता के हितों की रक्षा करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “राष्ट्रीय हित में निर्णय लेना भारत का अधिकार है और इस पर कोई समझौता नहीं होगा।”
रूसी तेल पर कड़ा रुख
रूस से कच्चे तेल की खरीद पर पश्चिमी देशों द्वारा उठाए गए सवालों को लेकर जयशंकर ने सख्त शब्दों में कहा, “अगर किसी को भारत का यह कदम पसंद नहीं है, तो वह तेल न खरीदे। हम किसी को मजबूर नहीं करते।” उन्होंने यह भी तर्क दिया कि दुनिया में रूस से तेल के बड़े खरीदार चीन और यूरोपीय संघ हैं, लेकिन उन पर सवाल नहीं उठाए जाते। जयशंकर के मुताबिक, यह दोहरा रवैया भारत के साथ न्यायसंगत नहीं है।
रूस के साथ व्यापार संतुलन पर चिंता
मॉस्को दौरे के दौरान जयशंकर ने भारत-रूस व्यापार संतुलन पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यापार घाटा भारत के लिए अस्वीकार्य है और इस स्थिति को सुधारने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने रूसी नेतृत्व को संदेश दिया कि दोनों देशों को व्यापार में स्थिरता और संतुलन लाने के लिए मिलकर कदम उठाने होंगे।
भारत का संदेश: सहयोग, लेकिन संप्रभुता सर्वोपरि
जयशंकर के बयानों से साफ है कि भारत-अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ सहयोग बनाए रखने का इच्छुक है, लेकिन किसी भी कीमत पर अपने राष्ट्रीय हितों और ऊर्जा सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। भारत यह संकेत देना चाहता है कि वह वैश्विक साझेदारियों को महत्व देता है, मगर अपनी रणनीतिक स्वायत्तता और आर्थिक प्राथमिकताओं की रक्षा करना उसकी पहली जिम्मेदारी है।

