भारत-अमेरिका साझेदारी नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ रही है: पीयूष गोयल
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-अमेरिका के साथ चल रही ट्रेड वार्ताओं में अपने किसानों, मछुआरों और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की सुरक्षा को बेहद ज़रूरी मानता है। नई दिल्ली में इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध न केवल मज़बूत और स्थिर हैं बल्कि तेज़ी से विस्तार भी कर रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों देशों की साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों, विविधता और साझा विकास के विज़न पर आधारित है, और भारत अपनी मज़बूत अर्थव्यवस्था, निर्णायक नेतृत्व और लगातार जारी सुधारों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में नई सफलताओं की ओर बढ़ रहा है।
पीयूष गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानता है और दोनों देश व्यापार एवं वाणिज्य को बढ़ाने के लिए लगातार कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि भारत वार्ताओं के दौरान किसानों, मछुआरों और छोटी-छोटी उद्योग इकाइयों के हितों का पूरा ध्यान रखता है। मंत्री ने कहा कि भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने मज़बूत बैंकिंग सिस्टम, कम महँगाई, विशाल आधारभूत ढाँचे और जीएसटी सुधारों को भारत की आर्थिक मज़बूती की प्रमुख वजह बताया।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत हर साल 4.2 मिलियन STEM ग्रेजुएट तैयार कर रहा है और मुक्त व्यापार समझौतों के ज़रिये वैश्विक साझेदारियों को और मज़बूत बना रहा है। उन्होंने बताया कि देश में बड़े पैमाने पर बुनियादी सुविधाओं की पहुँच ने विकास की गति को तेज़ किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेज़ी से आगे बढ़ रही है और अगर यह वृद्धि दर बनी रही तो 2047 तक भारत 30 से 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश को तेज़ आर्थिक परिवर्तन का एक बेहतरीन उदाहरण बताया।
पीयूष गोयल ने बताया कि पिछले दस वर्षों में चार करोड़ ग़रीब परिवारों को घर मिले हैं, जबकि दो करोड़ और घरों का निर्माण जारी है। उन्होंने कहा कि बेहतर शासन, पारदर्शी सिस्टम, युवा आबादी और निरंतर सुधार भारत की विकास यात्रा की नींव हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत स्थिरता का एक सुरक्षित केंद्र साबित हुआ है और पिछले 11 वर्षों में शेयर बाज़ार साढ़े चार गुना बढ़ा है। उन्होंने बताया कि सरकार स्टार्ट-अप और इनोवेशन के लिए बड़े फंड आवंटित कर चुकी है।
अंत में केंद्रीय मंत्री ने 2047 तक एक समृद्ध और विकसित भारत के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा कि जब 1.4 अरब भारतीय एकजुट होते हैं, तो विकास के रास्ते में कोई भी बाधा टिक नहीं सकती।

