भारत हर आपदा में आसियान मित्रों के साथ मजबूती से खड़ा है: पीएम मोदी
कुआलालंपुर में रविवार से शुरू हुए 47वें आसियान (ASEAN) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली हिस्सा लिया और अपने संबोधन में भारत–आसियान संबंधों की गहराई और महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और आसियान मिलकर दुनिया की लगभग 25 प्रतिशत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस साझेदारी को केवल आर्थिक लेनदेन तक सीमित नहीं बताया, बल्कि इसे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और साझा मूल्यों पर आधारित बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आसियान भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का अहम स्तंभ है और दोनों के बीच सहयोग क्षेत्रीय स्थिरता, शांति और समृद्धि के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और आसियान की साझेदारी केवल भूगोल तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें समान संस्कृति और मूल्य भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि हम ग्लोबल साउथ के सहयोगी हैं और हर आपदा में भारत आसियान मित्रों के साथ मजबूती से खड़ा रहता है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह साझेदारी सिर्फ व्यापार और निवेश तक सीमित नहीं है। इसके पीछे गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, जो दोनों पक्षों को जोड़ते हैं। उन्होंने कहा, “हम दुनिया की लगभग एक चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम सिर्फ भूगोल ही नहीं, बल्कि संस्कृति और मूल्य भी साझा करते हैं। हम ग्लोबल साउथ में भागीदार नहीं, बल्कि सांस्कृतिक भागीदार भी हैं।”
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भारत–आसियान सहयोग को और मजबूत करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत, आसियान देशों के साथ मिलकर आर्थिक विकास, तकनीकी सहयोग और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में नई पहल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका कहना था कि भारत हमेशा से आसियान देशों के लिए भरोसेमंद साथी रहा है और भविष्य में भी यह सहयोग और गहरा होगा।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन में भारत और आसियान के संबंधों की मजबूती, साझा मूल्यों और ग्लोबल साउथ में संयुक्त भूमिका पर विशेष प्रकाश डाला, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि दोनों पक्ष केवल साझेदार नहीं, बल्कि रणनीतिक और सांस्कृतिक साथी भी हैं।

