भारत सीरिया में होने वाली हिंसा और मानवधिकार हनन का विरोधी संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन के काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा है कि भारत ने सीरिया में हमेशा ही हिंसा और मानवाधिकारों के हनन की निंदा की है।
भारत के संयुक्त राष्ट्र में स्थाई मिशन के काउंसलर प्रतीक माथुर ने यूएनएससी में सीरिया से संबंधित बैठक में स्पष्ट किया है कि भारत ने सीरिया में हमेशा ही हिंसक कृत्यों के साथ-साथ मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा की है। चाहे अपराधी पक्ष कोई भी हो हम इसका समर्थन नहीं करते।
सीरिया में चल रहे हालात को देखते हुए शासन की ओर से बार-बार कॉल करने के बाद सीरिया के सशस्त्र समूहों के लिए बाहरी समर्थन बदल गया। हालात बिगड़ गए और आतंकवाद को फलने फूलने में सहायता मिली। हमारा दृढ़ विश्वास है कि सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बचाए रखते हुए ही इस क्षेत्र में लंबी अवधि के लिए शांति, स्थिरता एवं सुरक्षा बहाल की जा सकती है।
India in UNSC:
UNSC Arria-formula meeting on Accountability in Syria | Watch the highlights of remarks by Indian Counsellor at UN Pratik Mathur@IndiaUNNewYork @MEAIndia pic.twitter.com/l5S1ANbgIT
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) November 30, 2021
याद रहे कि सीरिया साल 2011 से ही साम्राज्यवाद प्रायोजित आतंकवाद का सामना कर रहा है। सीरिया में आईएसआईएस , नुस्राह फ्रंट और अन्य कई आतंकी समूहों को अमेरिका , सऊदी अरब , तुर्की और इस्राईल जैसे कई देशों का खुल्ल्म खुल्ला समर्थन प्राप्त है।
दमिश्क़ सरकार को दबाव में लाने और सीरिया के निर्वाचित राष्ट्रपति बश्शार असद को सत्ता मुक्त करने के लिए संकट के समय में अरब देशों ने भी सीरिया से अपने संबंधों को समाप्त करते हुए खुल कर आतंकी समूहों की मदद की थी।
आतंकवाद के खिलाफ अपने सहयोगी देशों और स्वंयसेवी बलों की मदद से सीरिया की निर्णायक जीत के बाद अब अरब देश एक एक कर सीरिया से संबंधों को बहाल करने में लगे हुए हैं वहीँ अमेरिका में भी हर मोर्चे पर बुरी तरह विफल होने के बाद अपनी नीतियों में बदलाव ला चुका है लेकिन सीरिया के तेल संपन्न भाग पर अभी भी गैर क़ानूनी रूप से क़ब्ज़ा जमाए हुए है।