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इंटरनेट शटडाउन के मामले में भारत नंबर 1

इंटरनेट शटडाउन के मामले में भारत नंबर वन 

नई दिल्ली: इंटरनेट शटडाउन के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर है। यह जानकारी ‘एक्सेस नाउ‘ और ‘कीप इट ऑन कोएलिशन’ ने उसी साल मार्च में अपनी रिपोर्ट में दी है। भारत में इंटरनेट शटडाउन 2016 में शुरू हुआ था। अब ‘नेट लॉस’ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 2023 के पहले छह महीनों में भारत में इंटरनेट शटडाउन के कारण 1.9 बिलियन डॉलर यानी करीब 15,590 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस अवधि के दौरान मणिपुर और पंजाब में सबसे अधिक इंटरनेट कटौती हुई है।

नेट लॉस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शटडाउन के कारण विदेशी निवेश में लगभग 118 मिलियन डॉलर (लगभग 968 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ और 21,000 से अधिक नौकरियां चली गईं। यानी सिर्फ इंटरनेट शटडाउन के कारण छह महीने में 21 हजार लोगों की नौकरियां चली गईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारें अक्सर मानती हैं कि इंटरनेट बंद करने से शांति को बढ़ावा मिलेगा, गलत सूचना का प्रसार रुकेगा या साइबर सुरक्षा खतरों से होने वाला नुकसान कम होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। इंटरनेट शटडाउन आर्थिक गतिविधि के लिए बेहद विनाशकारी है।

भारत सरकार और राज्य सरकारें सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंटरनेट शटडाउन को एक हथियार के रूप में उपयोग करती हैं। भारत में बंद का रिकॉर्ड टूट गया है। पिछले छह महीनों में इंटरनेट शटडाउन की संख्या के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे है। भारत में 2021 में 1,157 घंटे इंटरनेट डाउनटाइम रहा, जिससे 582.8 मिलियन डॉलर यानी लगभग 4,300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इंटरनेट शटडाउन से 5.9 करोड़ लोग भी प्रभावित हुए. देश में प्रशासन द्वारा 2021 में 84 बार इंटरनेट बंद किया गया। इंटरनेट शटडाउन का मुख्य कारण विरोध प्रदर्शन, हिंसा, परीक्षा और चुनाव हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में अकेले जम्मू-कश्मीर में 49 बार इंटरनेट शटडाउन हुआ, जिसमें जनवरी और फरवरी 2022 के बीच हुए लगातार 16 इंटरनेट शटडाउन भी शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के बाद राजस्थान दूसरे नंबर पर रहा जहां एक साल में 12 बार इंटरनेट बंद किया गया। तीसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल रहा जहां 7 बार इंटरनेट शटडाउन हुआ।

गौरतलब है कि 2021 में दुनिया भर में कुल 30,000 घंटे इंटरनेट शटडाउन हुआ, जिससे 5.45 अरब डॉलर यानी करीब 40,300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस शटडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों की सूची में भारत तीसरे स्थान पर था। भारत में 2021 में 1,157 घंटे इंटरनेट डाउनटाइम रहा, जिससे 582.8 मिलियन डॉलर यानी लगभग 4,300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इंटरनेट शटडाउन से 5.9 करोड़ लोग भी प्रभावित हुए। किसान आंदोलन के दौरान देश की राजधानी नई दिल्ली में भी लंबे समय तक इंटरनेट बंद रहा।

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