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भारत विश्व की सबसे बड़ी समुद्री शक्ति बनने की ओर अग्रसर

भारत विश्व की सबसे बड़ी समुद्री शक्ति बनने की ओर अग्रसर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई स्थित भारतीय नौसेना के डॉकयार्ड का दौरा किया, जहां उन्होंने भारत की समुद्री शक्ति को और मजबूत करने के लिए तीन युद्धपोतों को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर उनके साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। इन युद्धपोतों में आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर शामिल हैं, जो ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का हिस्सा हैं और देश की रक्षा क्षमताओं को और बढ़ाएंगे।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि ये तीनों जहाज ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनाए गए हैं और इनका उद्देश्य देश की सुरक्षा में नई शक्ति का संचार करना है। ये जहाज आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे खतरों से क्षेत्र की सुरक्षा में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि इस कदम से भारतीय नौसेना को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी और दुनिया में भारत की समुद्री शक्ति का संदेश जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि यह पहली बार है जब एक विध्वंसक, एक फ्रिगेट और एक पनडुब्बी को एक साथ कमीशन किया जा रहा है।

गौरतलब है कि आईएनएस सूरत भारतीय नौसेना का सबसे आधुनिक गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है। यह 15बी श्रेणी का चौथा और अंतिम जहाज है, जो दुनिया के सबसे आधुनिक और शक्तिशाली विध्वंसकों में गिना जाता है। इस जहाज से एक साथ 16 ब्रह्मोस मिसाइलें दागी जा सकती हैं। आईएनएस नीलगिरी एक स्टेल्थ फ्रिगेट का पहला जहाज है, जिसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है। इसमें समुद्र में मौजूद पनडुब्बियों को निशाना बनाने की क्षमता है। आईएनएस वाघशीर भारतीय नौसेना की छठी और अंतिम स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बी है, जिसे फ्रांस के नेवल ग्रुप के सहयोग से तैयार किया गया है।

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