अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर नजर रखे है भारत : जयशंकर
भारतीय विदेशमंत्री ने सोमवार को कहा कि भारत अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में वर्णित अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं को पूरा करने वाले तालिबान शासन के महत्व को भी रेखांकित कर रहा है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने किर्गिस्तान के समकक्ष रुस्लान कजाकबायेव के साथ बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करते हुए ये बात कही ।
भारतीय विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा कि किर्गिस्तान के विदेशमंत्री कजाकबायेव के साथ बातचीत में अफगानिस्तान के घटनाक्रम और क्षेत्र की शांति और सुरक्षा पर इसके प्रभाव पर भी चर्चा हुई है। साथ ही उन्होंने कहा: ‘हम अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हुए हैं। क्योंकि अफगानिस्तान में किसी भी तरह की अस्थिरता का असर क्षेत्र पर पड़ेगा। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अफगानिस्तान में वर्तमान शासन से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाएं हैं, जिन्हें यूएनएससीआर 2593 में पर्याप्त रूप से बयान किया गया है
यूएनएससी प्रस्ताव 2593 साफ़ तौर से मांग करता है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग आतंकवाद के लिए, आतंकवाद को प्रशिक्षण देने और आतंकी योजना बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
भारतीय विदेशमंत्री ने एक ट्वीट करके लिखा कि “भारत और किर्गिज़ गणराज्य का अफगानिस्तान में विकास के लिए एक साझा दृष्टिकोण है।”
Cordial and constructive talks with FM Ruslan Kazakbaev of Kyrgyz Republic.
Agreed on USD 200 million LoC to support development projects.
Also concluded an understanding on executing high impact community projects. pic.twitter.com/zYDlH1RhYE
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 11, 2021
बता दें कि पिछले महीने, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि कोई भी देश “अफगानिस्तान की नाजुक स्थिति का लाभ उठाने और अपने स्वार्थ के लिए इसका इस्तेमाल करने की कोशिश न करे।”
न्यूयॉर्क में 76वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री मोदी ने ये भी कहा था कि ये सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी है कि अफगानिस्तान क्षेत्र का उपयोग आतंकवाद, आतंकवाद की ट्रेनिंग और आतंकवादी हमलों के लिए न हो।
बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर तीन मध्य एशियाई देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के उद्देश्य से किर्गिस्तान, कजाकिस्तान और आर्मेनिया की अपनी चार दिवसीय यात्रा के तहत रविवार को यहां पहुंचे हैं ।