चीन द्वारा साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने से रोकने पर भारत नाराज़
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए प्रस्ताव को प्रस्ताव को चीन द्वारा रोके जाने पर भारत सरकार ने चीन की कड़ी आलोचना की है। मालूम होना चाहिए कि साजिद मीर भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक है और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए उस पर 5 मिलियन डॉलर का अमेरिकी इनाम है। मुंबई आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे।
भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने का प्रस्ताव लाया था, जिसे चीन द्वारा रोक दिया गया। साजिद मीर 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल होने के लिए वांछित था।
बीजिंग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकवादी के रूप में मीर को काली सूची में डालने और उसकी संपत्ति जब्त करने, यात्रा प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को रोक दिया। कहा जाता है कि पिछले साल सितंबर में चीन संयुक्त राष्ट्र में मीर को नामित करने के प्रस्ताव को बाधित कर रहा था। बीजिंग ने अब प्रस्ताव को रोक दिया है।
जून में मीर को पाकिस्तान में एक आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा आतंक-वित्तपोषण मामले में 15 साल से अधिक समय के लिए जेल में डाल दिया गया था। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी अधिकारियों ने पहले दावा किया था कि मीर की मौत हो गई थी, लेकिन पश्चिमी देश नहीं माने और उन्होंने उसकी मौत का प्रमाण मांगा।
पिछले साल के अंत में कार्य योजना पर पाकिस्तान की प्रगति के एफएटीएफ के आकलन में यह मुद्दा एक प्रमुख बिंदु बन गया था। भारत ने कहा है कि यदि हम तुच्छ भू-राजनीतिक हितों के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा निषिद्ध वैश्विक परिदृश्य में प्रतिबंधित आतंकवादियों को तय नहीं कर सकते हैं तो हमारे पास वास्तव में आतंकवाद की इस चुनौती से लड़ने के लिए वास्तविक राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है।