उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के 97% प्रत्याशी ज़मानत भी नहीं बचा पाए , बसपा भी पस्त
भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी कर चुकी है हालांकि विधानसभा चुनाव में जिस तरह की आशंका जताई जा रही थी उसे दरकिनार करते हुए भाजपा ने एक बार फिर सत्ता हासिल करते हुए इतिहास रच दिया है। भाजपा को हालांकि हर सीट पर समाजवादी पार्टी से कड़ी टक्कर मिली।
उत्तर प्रदेश की राजनीति से लंबे समय से हाशिये पर पड़ी कांग्रेस ने इस बार वापसी करने की जी तोड़ कोशिश की लेकिन फिर भी कांग्रेस को नाकामी का समाना करना पड़ा और उसके 399 उमीदवारों में से 387 प्रत्याशियों की जमानत भी ज़ब्त हो गई। कांग्रेस के सिर्फ दो ही नेता विधानसभा पहुंचने में सफल हो सके हैं। बात बहुजन समाज पार्टी की करें तो उसके 403 उम्मीदवारों में से 290 प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके।
कांग्रेस को उत्तर प्रदेश विधानसभा में सिर्फ 2.4 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए। कांग्रेस ने सिर्फ चार सीट छोड़कर प्रदेश की हर सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे वहीँ सिर्फ 33 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली राष्ट्रीय लोकदल 2.9 प्रतिशत वोट प्राप्त कर कांग्रेस से अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही।
उत्तर प्रदेश की जनता ने इस बार लगभग सभी दलों के प्रत्याषियों की ज़मानत ज़ब्त कराई। भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा के भी 3 उम्मीदवारों की ज़मानत ज़ब्त हुई है, वहीं समाजवादी पार्टी के 6 प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सके।
इस संबंध में भाजपा से गठबंधन कर, मैदान में उतरने वाले अपना दल (सोने लाल) और निषाद पार्टी के उम्मीदवार अपवाद रहे इन दोनों दलों के किसी उम्मीदवार की जमानत ज़ब्त नहीं हुई। इन दोनों ने मिलकर 27 सीटों पर उम्मीदवार उतरे थे। यह आंकड़ा इस बात की ओर भी संकेत करता है कि भाजपा ने दोनों दलों को सिर्फ वही सीट दी थी जहाँ उनके चुनौती पेश करने की संभावना थी।
बात करें सपा गठबंधन में शामिल रहे अपना दल (कमेरावादी) और सुभासपा की, तो दोनों लोगों ने 25 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जहां 8 उम्मीदवार अपनी जमानत भी गँवा बैठे। 33 सीट पर लड़ने वाली राष्ट्रीय लोकदल के भी 3 प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सके।
बता दें कि कुल मतदान का छठा भाग भी प्राप्त करने में असफल रहे प्रत्याशी की ज़मानत ज़ब्त हो जाती है।