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मेरी दिल्ली में तो अब मां बेटी घर पर भी सुरक्षित नहीं रहीं: अल्का लांबा

मेरी दिल्ली में तो अब मां बेटी घर पर भी सुरक्षित नहीं रहीं: अल्का लांबा

यौन उत्पीड़न और बलात्कार ऐसा घिनौना काम है जिसे लेकर देश में शायद हर दिल में नफ़रत हो, लेकिन उसके बावजूद कोई दिन ऐसा नहीं जाता जिस दिन दो तीन हैवानियत की ख़बरें सामने से न गुज़रें।
ज़ाहिर है ऐसी घटनाओं पर देश का सभ्य समाज कभी ख़ामोश नहीं बैठ सकता, लेकिन विरोध और केवल विरोध आख़िर कब तक?!

क्या देश का प्रशासन इतना लाचार हो चुका है कि वह ऐसी घटनाएं रोकने पर असमर्थ है? क्या क़ानून व्यवस्था इतनी कमज़ोर हो चुकी है कि ऐसे अपराधियों को दूसरों के लिए सीख बन जाने वाली सज़ा नहीं दे सकती? या क्या पार्लियामेंट में बैठे देश का भविष्य तय करने वालों में इतनी भी सभ्यता नहीं पाई जाती कि वह ऐसे शर्मसार कर देने वाले अपराध पर कोई ठोस क़ानून बना सकें?

और हद तो यह हो गई कि घर में घुस कर देश की बेटी का अपमान किया जा रहा है, और उनके साथ हैवानियत हो रही है! अभी तक पहनावे को लेकर कुछ लोग भड़ास निकाल लेते थे लेकिन अब वह घर में घुस कर ऐसी घिनौनी घटनाओं को अंजाम देने वाले के बारे में क्या कहेंगे?

घटना दिल्ली की है जिसमें अपराधी ने घर में घुसकर महिला और उसकी 12 साल की बेटी के साथ घिनौना काम किया, जिसपर कांग्रेस की बेबाक नेता अल्का लांबा ने कड़ी आपत्ति जताई और ट्वीट कर कहा कि मेरी दिल्ली में तो अब मां बेटी घर पर सुरक्षित नहीं रहीं।

कांग्रेस नेता ने सत्ताधारियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि गृहमंत्री ज़िम्मेदारी लेते नहीं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।

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