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हरियाणा में दुष्यंत चौटाला ने फ्लोर टेस्ट के लिए राज्यपाल को ख़त लिखा

हरियाणा में दुष्यंत चौटाला ने फ्लोर टेस्ट के लिए राज्यपाल को ख़त लिखा

हरियाणा: हरियाणा में बीजेपी सरकार का संकट अब और बढ़ गया है। बीते मंगलवार को भाजपा सरकार को समर्थन देने वाले तीन निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी ने समर्थन वापस ले लिया। जिसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई। उसके बाद से ही प्रदेश की सियासत में खींचतान शुरू हो गई। भाजपा सरकार के पास मौजदा समय में 43 सीटें हैं जबकि बहुमत के लिए 45 सीटें चाहिए। ऐसे में दुष्यंत चौटाला ने फ्लोर टेस्ट की मांग की है।

दो दिन पहले ही यानी मंगलवार को तीन निर्दलीय विधायकों के बीजेपी से समर्थन वापस लेने और कांग्रेस को समर्थन देने के बाद बीजेपी की नायब सिंह सैनी सरकार के सामने संकट खड़ा हो गया है। हाल ही में दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद से इन्हीं निर्दलीयों के समर्थन से बीजेपी सरकार चल रही थी। जेजेपी मार्च में बीजेपी गठबंधन सरकार से बाहर हो गई थी। जेजेपी के 10 विधायक हैं। सदन में कांग्रेस के 30 विधायक हैं। तीन निर्दलियों के समर्थन से उसकी संख्या 33 हो गई है।

हालाँकि भाजपा ने मंगलवार को दावा किया कि जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी के चार विधायक भी ‘जरूरत पड़ने पर सरकार को सहायता’ की पेशकश कर सकते हैं, जिससे उसकी ताकत 47 हो जाएगी। इसी क्रम में जजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के राज्यपाल को लिखा पत्र है। चौटाला ने राज्यपाल से विधानसभा का सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है। दुष्यंत ने कहा कि हम मौजूदा सरकार का समर्थन नहीं करते और हरियाणा में किसी भी दूसरे राजनीतिक दल द्वारा सरकार बनाने में समर्थन के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं।

दुष्यंत चौटाला ने पत्र में लिखा दो विधायकों की स्थिति के बाद सदन की संख्या 88 है। ऐसे में देखा जाए तो भाजपा के पास 40 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 30, जेजेपी के 10, हलोपा के पास एक और इनेलो के पास भी एक विधायक है। वहीं मौजूदा समय में निर्दलीय विधायकों की संख्या छह हैं। इनमें तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लिया है। दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल से पत्र में मांग की है कि सरकार के पास विश्वास मत नहीं रहा। इसलिए विधानसभा का सत्र बुलाया जाए और सरकार फ्लोर टेस्ट पास करे।

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