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हम मुगलों से लड़े, तो योद्धा, अंग्रेजों से लड़े तो देशभक्त, अपने हक के लिए लड़े तो खालिस्तानी

नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ पिछले दो महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में अब तक कई किसानो की जान तक जा चुकी है। लेकिन इसके बावजूद किसान कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं

लेकिन दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने किसानों के इस आंदोलन पर किसानों की छवि को खराब करने के लिए उन्हें आतंकी और खालिस्तानी बता रहे हैं।

इसके बाद कुछ नेताओ और प्रवक्ताओ ने किसान आंदोलन को चीन और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित भी बता दिया लेकिन तारीफ़ किसानों के हौसलों की कि जिन्होंने हौसला नहीं हारा और अपनी मांगों पर डटे हुए हैं ।

सोशल मीडिया पर एक किसान प्रदर्शनकारी के वीडियो को प्रशांत भूषण ट्वीट किया जिसमे एक सिख युवक ने कहा- “हम मुगलों से लड़े, तो योद्धा; अंग्रेजों से लड़े, तो देशभक्त; कोरोनावायरस में लंगर बांटा, तो देश प्रेमी; अपने हक के लिए लड़ रहे हैं, तो खालिस्तानी हो गए!

बता दें कि भारत समेत दुनियाभर के देशों में जब भी कोई आपदा आती है तो सबसे पहले सिख समुदाय के लोग ही मदद को आगे आते हैं जिसका हालिया उदाहरण है- कोरोना महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए ‘लंगर’ लगाया जाना है।

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