सपा सरकार बनने पर, यूपी में “दाम बाँधो” नीति लागू की जाएगी: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि 2027 में सपा की सरकार बनने पर महँगाई पर काबू पाने के लिए नेताजी और डॉ. लोहिया की “दाम बाँधो” नीति लागू की जाएगी।
गुरुवार को लखनऊ में पार्टी दफ़्तर पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, नोएडा के किसानों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। उनकी ज़मीनों पर उद्योग और व्यापार खड़े किए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें उचित मुआवज़ा नहीं मिल रहा। उनका आरोप था कि भाजपा सरकार साज़िश और दबाव के ज़रिए किसानों की ज़मीन छीन रही है।
उन्होंने घोषणा की कि सपा सरकार बनने पर किसानों को सर्किल रेट से ज़्यादा मुआवज़ा दिया जाएगा और नोएडा से लखनऊ तक बेहतर सड़कें बनवाई जाएंगी। इस मौक़े पर बसपा और अपना दल (एस) के कई नेता और समर्थक सपा में शामिल हुए।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उनके अनुसार, जनप्रतिनिधि खुद बता रहे हैं कि काम के बदले 10% कमीशन लिया जा रहा है और जनता को केवल दिखावटी चीज़ों में उलझाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, कानपुर में अपराधियों, पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं की मिलीभगत से जनता को परेशान किया जा रहा है। यहाँ तक कि पुलिस खुद अपहरण की वारदातों में शामिल होकर फिरौती वसूल रही है। अखिलेश ने दावा किया कि जल्द ही कई आईपीएस अफ़सर और पुलिसकर्मी बेनक़ाब होंगे।
उन्होंने कहा कि जाति हमारा पहला भावनात्मक रिश्ता है और बाबा साहेब अंबेडकर से लेकर मंडल कमीशन तक सभी ने आरक्षण जाति के आधार पर ही दिया है। उन्होंने सवाल किया कि एसटीएफ में पिछड़े वर्गों की कितनी हिस्सेदारी है? साथ ही आरोप लगाया कि, भाजपा सरकार लगातार दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्ग का अपमान कर रही है।
वाराणसी में सीवरेज और एनटीपीसी प्लांट को आबादी के बीच बनाने पर उन्होंने चिंता जताई और कहा कि अगर सरकार का बजट सचमुच सरप्लस है तो इन प्रोजेक्ट्स को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए। अंबेडकर नगर के प्लांटों को भी आधुनिक ज़रूरतों के मुताबिक नियंत्रित करने की मांग उन्होंने रखी।
लद्दाख के मुद्दे पर भी उन्होंने केंद्र को घेरा और कहा कि भाजपा ने यहाँ की जनता से राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा तोड़ा है, जबकि यह संवेदनशील सीमा क्षेत्र है जहाँ चीन घुसपैठ कर चुका है।
भाजपा नेतृत्व पर हमला करते हुए अखिलेश ने कहा कि ये नेता ज़ुबान से “स्वदेशी” और दिल से “विदेशी” हैं, क्योंकि चीन भारतीय बाज़ार पर कब्ज़ा कर चुका है। “मेक इन इंडिया” पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि, अगर वाक़ई इस नारे को मज़बूत करना है तो मुख्यमंत्री को बदला जाए, क्योंकि वे विदेश जाना पसंद ही नहीं करते।
हाल ही में गंगाजल से घरों की धुलाई के मामले पर उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार बताए इसके लिए कौन सा क़ानून है? जब तक जवाब नहीं मिलेगा, यह अभियान जारी रहेगा।

