26 अगस्त तक मराठा आरक्षण नहीं मिला, तो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे: मनोज जरांगे
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार को सीधी चुनौती दी है। उन्होंने साफ ऐलान किया कि अगर 26 अगस्त तक मराठा समाज को आरक्षण नहीं मिला, तो वह मुंबई के आज़ाद मैदान में 29 अगस्त की सुबह 10 बजे से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे। जरांगे ने चेतावनी दी, “अगर आरक्षण नहीं मिला तो सरकार का तख्तापलट कर दिया जाएगा।” उन्होंने राज्यभर के मराठा भाइयों से अपील की कि “व्यापार, रोजगार और खेत-खलिहान छोड़कर मुंबई पहुंचें और आंदोलन का हिस्सा बनें, कोई भी व्यस्तता का बहाना न बनाए।”
जरांगे ने कहा कि आंदोलन के दौरान 5 हज़ार पानी के टैंकर, एक हज़ार एम्बुलेंस और हर तरह की सुविधाएं सामुदायिक स्तर पर उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने लोगों से सहयोग करने की अपील की और कहा कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा। उन्होंने हिदायत दी, “किसी भी तरह की आगजनी या पथराव नहीं होना चाहिए।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जरांगे ने बताया कि उन्होंने दो महीने पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से फोन पर बात की थी और कहा था कि वे मराठा समाज की गरीबी और समस्याओं को नज़दीक से देखने के लिए अंतरवली सराटी आएं, लेकिन सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
27 अगस्त से मार्च का आगाज़
जरांगे पाटिल ने अपने आरक्षण मार्च का कार्यक्रम भी जारी किया। इसके मुताबिक, 27 अगस्त को वे अंतरवली सराटी से निकलकर पैठन और अहमदनगर होते हुए जालना पहुंचेंगे और रात को वहीं ठहरेंगे। 28 अगस्त को वे शिवनेरी किले में छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि देंगे और फिर चाकण, लोनावला, वाशी और चेंबूर से होते हुए आज़ाद मैदान पहुंचेंगे। 29 अगस्त की सुबह आंदोलन की शुरुआत होगी।
उन्होंने सरकार को दो दिन की मोहलत देते हुए कहा कि, हमारी पहली मांग है कि, तत्काल अध्यादेश के ज़रिए मराठा और कुनबी समाज को एक ही जाति घोषित किया जाए और हैदराबाद गज़ट समेत संबंधित रिकार्ड लागू किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अस्थायी 10% आरक्षण नहीं चाहिए, बल्कि स्थायी हक़ चाहिए।
“हम जरांगे को मुंबई नहीं जाने देंगे: ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके
दूसरी ओर, जब मनोज जरांगे ने “चलो मुंबई” का नारा दिया है, तभी ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके खुलेआम इस आंदोलन के विरोध में उतर आए हैं। मराठा बनाम ओबीसी आरक्षण की जंग तेज हो गई है और आंदोलन शुरू होने से पहले ही दोनों गुटों में टकराव की आशंका बढ़ गई है। हाके ने कहा, “मनोज जरांगे पाटिल को मुंबई में कदम नहीं रखने देंगे।”
हाके ने कहा कि, जरांगे पाटिल के गणपति का विसर्जन मुंबई के पास ही कराया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी, “जरांगे ऐसी ज़िद करेंगे तो चाहे हमारी जान चली जाए, लेकिन ओबीसी के कोटे से आरक्षण नहीं लेने देंगे।” हाके ने कहा कि “हम ओबीसी बेघर और असंगठित लोग हैं। जरांगे के गणपति को मुंबई नहीं जाने देंगे। हमारे गांव, हमारी बस्तियां ओबीसी की हैं। अगर वे हमारे खिलाफ बोलेंगे, पुतले जलाएंगे, हमारे ही लोगों को भड़काएंगे, तो हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं, हम भी सड़क पर उतरेंगे।”
लक्ष्मण हाके ने आरोप लगाया कि “मुख्यमंत्री फडणवीस का पुतला जलाने वाले जरांगे पाटिल, और सरकार में कंधे से कंधा मिलाकर बैठे अजित पवार और एकनाथ शिंदे – इन सबने कई जिलों में बड़े-बड़े बैनर लगा रखे हैं। फडणवीस के साथ बैठने और जरांगे पाटिल को सुविधाएं देने का सिलसिला जारी है।” उन्होंने कहा कि “एनसीपी के दोनों गुट भी जरांगे के साथ हैं।”

