सरकारी संपत्ति बेची तो पूरा देश विरोध में खड़ा हो जाएगा: ममता बनर्जी
आर्थिक तंगी की भरपाई करने के लिए मोदी सरकार सरकार संपत्ति को बेचने की योजना बना है जिसपर ममता बनर्जी ने कहा कि अगर सरकारी संपत्ति बेची तो पूरा देश विरोध में खड़ा हो जाएगा
देश में निजीकरण की बातें तेज़ हो गई हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि कोरोना महामारी की वजह से मोदी सरकार इस वक़्त पैसे की तंगी से जूझ रही है और महामारी को देखते हुए इस समय सरकार के पास राजस्व जुटाने के विकल्प काफी कम है। इस कारण सरकारी संपत्तियों को या तो बेचने या फिर लीज पर दिए जाने का फैसला लिया जा रहा है। इस बात से ये समझ में आ रहा है कि मोदी सरकार ने आने वाले वक्त में भारत की की सरकारी संपत्तियों को बेचने का प्लान बना लियाहै।
बता दें कि देश की सरकारी संपत्तियों को बेचकर मोदी सरकार 60 खरब जुटाने की योजना बना रही है। इस निजीकरण का सभी सभी विपक्षी नेता विरोध कर रहे हैं। निजीकरण का विरोध कर रहे नेताओ में अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी नाम जुड़ गया है ममता बनर्जी ने भी मोदी सरकार की इस निजीकरण नीति का विरोध किया है ।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने निजीकरण के मामले में मोदी सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि देश की संपत्ति किसी भी राजनीतिक दल की सम्पति नहीं है हमने इस बात का अफ़सोस है कि मोदी सरकार देश की संपत्ति को बेचने का फैसला लिया है आज सभी को मोदी सरकार की इस नीति के खिलाफ खड़ा होना होगा ।
साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा उत्तर बंगाल में अलग राज्य की मांग पर भी करारा हमला बोलते हुए कहा कि किसी के लिए भी बंगाल को विभाजित करना इतना सहज नहीं होगा उन्होंने कहा कि इस मामले में भी खेला होगा और हम ही जीत हासिल करेंगे। ये बात साफ है कि मोदी सरकार इस देश को बेचना चाहती है, बंगाल को बेचना चाहती है।
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आज देश में पैसे की तंगी भाजपा द्वारा चुनावों के प्रचार प्रसार पर लाखों करोड़ों रुपए बहाने के कारण है। इसी वजह से वो देश की सरकारी संपत्तियों को बेचने की योजना बना रहे है।
बता दें अभी कुछ पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि मोदी सरकार आने वाले 4 सालों में देश के कई सरकारी कंपनियों का निजीकरण करने जा रही है। जिससे सरकार को 60 खरब रुपए जुटाने में मदद मिलेगी। क्यूंकि सरकार आर्थिक तंगी से जूझ रही है।