विधानसभा चुनाव में किसे किसे हराना है, मैं नाम लेकर बताऊंगा: मनोज जरांगे

विधानसभा चुनाव में किसे किसे हराना है, मैं नाम लेकर बताऊंगा: मनोज जरांगे

मराठा सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल एक बार फिर जलना में अपने गांव अंतरावली सराटी में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। हालांकि पुलिस ने उन्हें विरोध की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन पुलिस के आदेश को नजरअंदाज करते हुए उन्होंने भूख हड़ताल का फैसला किया। पिछली बार की तरह इस बार भी मराठा समाज ने पूरी तरह से उनके समर्थन का फैसला किया है। जरांगे ने चेतावनी दी है कि अगर इस बार आरक्षण नहीं दिया गया तो वह विधानसभा चुनाव में नाम लेकर बताएंगे कि किस-किस को हराना है।

याद रहे कि मनोज जरांगे ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह 8 जून को भूख हड़ताल पर बैठेंगे। पुलिस ने उन्हें यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया था कि कुछ लोगों ने जिला कलेक्टर को पत्र देकर इस भूख हड़ताल की अनुमति न देने की मांग की है क्योंकि उनके विरोध से गांव में जाति के आधार पर नफरत बढ़ती है और माहौल खराब होता है। जरांगे ने पुलिस की अनुमति के बिना ही शनिवार को अपनी भूख हड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने कहा, “पूरे मराठा समाज से मेरी अपील है कि वे शांति बनाए रखें। हमारे विरोध के खिलाफ कुछ लोगों ने जानबूझ कर आवेदन दिए हैं। भविष्य में जब आपके (विरोधियों) का कोई विरोध या कार्यक्रम होगा तो हम भी इस तरह के आवेदन देंगे।”

जरांगे ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनसे किया गया वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा, “गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वादा किया था कि वह मराठा आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मामलों को वापस ले लेंगे लेकिन उन्होंने वापस नहीं लिया।” जरांगे के अनुसार, “हमारी सिर्फ इतनी मांग है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हमसे जो वारिस (उत्तराधिकारी) से संबंधित कानून बनाने का वादा किया था उसे पूरा करें। इसी मांग के लिए मैं आज से फिर से भूख हड़ताल पर बैठा हूँ।”

जरांगे ने कहा कि लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है। मैंने चुनाव का मुद्दा छोड़ दिया है। अब शांति है। लेकिन याद रहे कि अगर इस बार आरक्षण नहीं मिला तो विधानसभा चुनाव में मराठा समाज को नाम लेकर बताऊंगा कि उन्हें किस-किस को हराना है। उन्होंने कहा, “मैं सभी जाति और धर्म के लोगों का एक गठबंधन बनाकर सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार खड़ा करूंगा। याद रहे कि बीजेपी की हार में मराठा समाज की नाराजगी का महत्वपूर्ण रोल रहा है।”

स्थानीय पंचायत की ओर से समर्थन
इस दौरान शनिवार की सुबह अंतरवाली सराटी की ग्राम पंचायत के सदस्यों ने मनोज जरांगे की भूख हड़ताल का समर्थन करने की घोषणा की। इसके लिए बाकायदा ग्राम पंचायत में मतदान किया गया। ग्राम पंचायत के 10 में से 5 सदस्यों ने मनोज जरांगे की भूख हड़ताल के पक्ष में वोट दिया तो 5 ने इसके खिलाफ राय व्यक्त की लेकिन सरपंच का निर्णायक वोट जरांगे के समर्थन में था जिसके बाद उन्हें भूख हड़ताल की अनुमति देनी पड़ी और पुलिस का यह तर्क कमजोर पड़ गया कि गांव के अधिकांश लोग जरांगे की भूख हड़ताल के खिलाफ हैं।

जरांगे ने कहा, “कुछ लोगों ने हमारे विरोध के खिलाफ जिला कलेक्टर को पत्र दिया है लेकिन यह उनका अपना दृष्टिकोण नहीं है बल्कि सरकार के कहने पर मजबूरी में उन्होंने ऐसा किया है। सरकार हमारी आंदोलन को कुचलना चाहती है लेकिन हमें गांव के सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त है। सभी लोग इस विरोध में शामिल हैं। इसके लिए मैं उन सभी का आभारी हूँ।” मनोज जरांगे ने कहा कि आरक्षण लिए बिना इस बार हम किसी तरह पीछे नहीं हटेंगे।

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