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मैं आरएसएस का सदस्य था और हूं: जस्टिस दाश

मैं आरएसएस का सदस्य था और हूं: जस्टिस दाश

कोलकाता: अब मैं फिर से आरएसएस के लिए काम करने के लिए स्वतंत्र हूं। मुझे अपने काम की वजह से 37 वर्षों तक खुद को संगठन से अलग रखना पड़ा, जबकि वैचारिक रूप से मैं अभी भी इससे जुड़ा हुआ हूं… कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस चित्तरंजन दास ने अपने विदाई भाषण में ये बात कही। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को भले ही यह अच्छा न लगे, लेकिन मुझे यह स्वीकार करना होगा कि मैं आरएसएस का सदस्य था और हूं।

दास ने यह बात अपने पूर्व सहयोगी अभिजीत गंगोपाध्याय के न्यायाधीश के पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने और तामलुक लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार बनने के दो महीने बाद कही है। हालांकि जस्टिस दाश ने यह भी कहा कि जज बनने के बाद उन्होंने खुद को आरएसएस से अलग कर लिया और सभी मामलों और मुकदमों को निष्पक्षता से निपटाया, चाहे वे किसी भी पार्टी से जुड़े रहे हों।

जस्टिस दाश ने विस्तार से संघ से अपने रिश्तों के बारे में कहा- “न्यायिक सेवा में आने के बाद लगभग 37 वर्षों तक संगठन (आरएसएस) से दूरी बना ली। मैंने कभी भी अपने करियर में तरक्की पाने के लिए अपने संगठन की सदस्यता का इस्तेमाल नहीं किया, क्योंकि यह हमारे सिद्धांत के खिलाफ है। मैंने सभी के साथ समान व्यवहार किया है चाहे वह कम्युनिस्ट शख्स रहा हो, चाहे वह भाजपा या कांग्रेस या यहां तक ​​कि टीएमसी का शख्स हो।

15 साल तक हाईकोर्ट के जज रहे दास ने कहा कि अगर संगठन (आरएसएस) मुझे किसी भी काम के लिए सहायता के लिए बुलाता है, तो मैं वापस जाने के लिए तैयार हूं। मैंने अपने करियर की किसी भी उन्नति के लिए अपनी (आरएसएस) सदस्यता का कभी भी उपयोग नहीं किया, जो मेरे संगठन के सिद्धांतों के खिलाफ है। मुझमे यह कहने का साहस था कि मैं संगठन (आरएसएस) से जुड़ा हुआ हूं, क्योंकि यह गलत नहीं है। अगर मैं अच्छा इंसान हूं तो मैं किसी बुरे संगठन से नहीं जुड़ सकता।

जस्टिस दाश से पहले एक और जज साहब ने अपनी प्रतिबद्धता भाजपा से जताई थी। हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट के एक अन्य जज, जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने भाजपा में शामिल होने के लिए पद से इस्तीफा दे दिया था। वो पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के तमलुक लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव भी लड़ रहे हैं। इनके तमाम फैसलों पर पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी सवाल उठाती रही है।

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