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गलती मैंने की, विरोध पीएम मोदी का क्यों: परषोत्तम रूपाला

गलती मैंने की, विरोध पीएम मोदी का क्यों: परषोत्तम रूपाला

अहमदाबाद: गुजरात में लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण के तहत 25 लोकसभा सीटों पर 7 मई को वोट डाले जाएंगे। इसके लिए राज्य में चुनाव प्रचार जोर पकड़ा चुका है। राज्य में क्षत्रियों के आंदोलन की आंच का सामना कर रही बीजेपी जहां डैमेज कंट्रोल में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राजकोट से कैंडिडेट परशोत्तम रूपाला ने फिर एक बार अपने बयान पर माफी मांगी है। रूपाला ने प्रचार के दौरान एक सभा में कहा कि मुझसे गलती हो गई, 18 घंटे देश की सेवा करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ क्षत्रिय समाज का खड़ा होना ठीक नहीं है।

गुजरात की राजकोट लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार परषोत्तम रूपाला ने एक बार फिर इस समुदाय से माफी मांगी है। जसदन में आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए रूपाला ने कहा, ‘गलती मैंने की थी, सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी है। मेरा कोई गलत इरादा नहीं था, मैंने क्षत्रिय समुदाय के बीच में जाकर क्षमा याचना की, उन्होंने मुझे प्रतिसाद भी दिया, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी का विरोध किस लिए?’

परषत्तम रूपाला पाटीदार समुदाय से आते हैं। ब्रिटिश शासन के दौरान पूर्व क्षत्रिय शासकों के खिलाफ कथित टिप्पणियों के बाद समुदाय उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है। सोशल मीडिया पर 23 मार्च को एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें रूपाला को राजकोट में एक दलित कार्यक्रम में बोलते हुए दिखाया गया। वीडियो में उन्हें कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया, ‘अंग्रेजों ने हम पर राज किया…उन्होंने हमें सताने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

राजा भी झुक गये। उन्होंने (राजाओं ने) उनके (अंग्रेजों) साथ रोटियां तोड़ीं और अपनी बेटियों की शादी उनसे की। लेकिन हमारे रुखी (दलित) समुदाय ने न तो अपना धर्म बदला और न ही अंग्रेजों के साथ दोस्ताना संबंध स्थापित किए, जबकि उन पर सबसे अधिक अत्याचार हुआ। उनके इस बयान पर क्षत्रिय संगठनों ने उग्र रोष व्यक्त किया।

उनकी इस टिप्पड़ी से क्षत्रिय समुदाय बेहद नाराज़ है, और मांग कर रहा है कि या तो 69 वर्षीय रूपाला स्वेच्छा से लोकसभा चुनाव से हट जाएं या भाजपा उनका टिकट रद्द कर दे। लेकिन बीजेपी ने रूपाला का टिकट बरकरार रखा है। इसे लेकर क्षत्रियों ने 24 अप्रैल को रूपाला के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। समुदाय के नेताओं ने मेहसाणा, आनंद, सूरत और जामनगर में क्षत्रिय सम्मेलन आयोजित किए।

क्षत्रिय के गुस्से को शांत करने के लिए गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल ने अपने गांधीनगर आवास पर सीएम भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में समुदाय के नेताओं संग बैठक की। उन्होंने कहा ‘क्षत्रिय समाज हमेशा बीजेपी से जुड़ा रहा है। हमने 3 अप्रैल को क्षत्रिय समाज की 90 संकलन समितियों के प्रमुखों संग बैठक की और उन्हें मनाया। परषोत्तम रूपाला ने दोनों हाथ जोड़कर अपनी टिप्पणी के लिए क्षत्रिय समाज से माफी मांगी है। क्षत्रिय समाज बड़ा दिल रखकर रूपाला को माफ करे।

हालांकि, बीजेपी के डैमेज कंट्रोल की तमाम कोशिशों के बावजूद गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में क्षत्रिय समुदाय में गुस्सा कम होता नहीं दिख रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में इन राज्यों में भाजपा के खिलाफ समुदाय की ओर से नियमित विरोध प्रदर्शन देखा गया है। बताया जा रहा है कि भाजपा का कोर वोट बैंक राजपूत पहले दो चरण में मतदान केंद्रों से दूर रहे। बता दें कि क्षत्रिय समुदाय के लगातार विरोध के बाद भी परषोत्तम रूपाला ने अपना नामांकन वापिस नहीं लिया। उसके बाद से गुजरात में क्षत्रिय समुदाय धर्म रथ निकालकर, भगवे झंडे के साथ बीजेपी के सभी उम्मीदवारों का विरोध कर रहा है।

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