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मैं एक शहीद का बेटा हूं, शहीदों का अपमान किसी क़ीमत पर सहन नहीं करूंगा: राहुल गांधी

मैं एक शहीद का बेटा हूं, शहीदों का अपमान किसी क़ीमत पर सहन नहीं करूंगा: राहुल गांधी

राजनीति का मतलब भारत में कभी देश की जनता की सेवा और देश के लिए बलिदान देने वालों का सम्मान हुआ करता था, लेकिन इधर कुछ वर्षों में जनता को सरकार जिस निगाह से देख रही है और शहीदों के साथ जो हो रहा है वह किसी से छिपा नहीं है।

ज़ाहिर सी बात है देश की जनता की ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ करने और उनका अपमान करने वालों में जनता की सेवा का भाव नहीं हो सकता, और देश के लिए बलिदान देने वालों का जो अपमान कर रहा हो तो आप सोच सकते हैं वह किस मानसिकता का इंसान होगा।

अफ़सोस तो इस बात का है कि आज भीड़ में आकर कुछ नेताओं के इशारों पर कुछ नारे लगवाते हुए पीट पीट कर हत्या कर देते हैं और फिर उसे देशभक्ति का नाम देते हैं लेकिन जब कोई नेता या मंत्री जलियांवाला बाग़ के नवीकरण की बात करता है तब ऐसे नफ़रती लोगों का लहू उबाल नहीं मारता!!

देश की आर्थिक स्थिति कहां पहुंच चुकी है उससे कोई लेना देना नहीं! देश का माहौल किस नफ़रत का शिकार होता जा रहा है उसपर कोई मंथन नहीं! देश में ग़रीबी और बे रोज़गारी कहां पहुंच चुकी है उसपर कोई चर्चा नहीं! देश का युवा किस घुटन में जी रहा है उसपर कोई बात नहीं! देश की धरोहर और सरकारी विभागों को बेचा जा रहा है उसपर टिप्पणी नहीं! ले देकर पूरे देश में केवल नामकरण और नवीकरण रह गया है।

हक़ीक़त है ऐसी क्रूरता ऐसी नफ़रत तो दुश्मन से भी कोई नहीं करता जिसका शिकार आज देश की जनता है।

जलियांवाला बाग़ के नवीकरण को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोगों ने जमकर आलोचना की और अपने ग़ुस्से का इज़हार किया लेकिन अहंकार और क्रूरता के आगे बाक़ी मुद्दों में विरोध की तरह इसका भी अंजाम होगा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मामले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए ट्वीट कर कहा कि जलियांवाला बाग़ के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता, मैं एक शहीद का बेटा हूं, शहीदों का अपमान किसी क़ीमत पर सहन नहीं करूंगा, ट्वीट के अंत में इस काम को अभद्र क्रूरता बताते हुए कहा कि हम इस अभद्र क्रूरता के ख़िलाफ़ हैं।

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