मैं महागठबंधन का हिस्सा हूं, इसलिए लालू परिवार के खिलाफ छापेमारी: नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके सहयोगियों के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे इस लिए पड़ रहे हैं क्योंकि वह महागठबंधन का हिस्सा हैं। इससे पहले 2017 में भी लालू परिवार पर सीबीआई के छापे पड़े थे जब हम गठबंधन का हिस्सा थे जिसके बाद मैं गठबंधन से अलग हो गया, अब जब दोबारा गठबंधन में आ गया तो दोबारा छापे पड़ना शुरू हो गए।
नीतीश कुमार ने कहा कि 2017 के बाद से पांच साल से कोई छापेमारी नहीं हुई है। अब ऐसा क्यों हो रहा है? सीधा सा कारण यह है कि मैं महागठबंधन का हिस्सा हूं। ऐसे छापे हमें डरा नहीं सकते और हमारी सरकार बिहार को आसानी से संभालती रहेगी। महागठबंधन में हृदय परिवर्तन के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश कुमार ने एक बार फिर इसे अफवाह करार देते हुए खारिज करते हुए कहा कि बिहार में महागठबंधन में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा, “चिंता न करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
ईडी ने शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव,और उनके परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों के दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, मुंबई, रांची और कुछ अन्य स्थानों पर स्थित 15 आवासों पर छापेमारी की थी। ईडी के अधिकारियों ने तेजस्वी यादव और उनकी बहनों रागिनी यादव, हेमा यादव और चंदा यादव के घरों से 53 लाख रुपये नकद, 1.5 किलो सोने के आभूषण, 540 ग्राम सोने के सिक्के और 1,900 डॉलर बरामद करने का दावा किया है।
लेकिन विपक्षी नेताओं पर लगातार ईडी और सीबीआई के छापे ने कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं, जब तक आरजेडी विपक्ष में थी तब तक छापे क्यों नहीं पड़े? जैसे ही नीतीश ने भाजपा गठबंधन से बाहर निकलकर दोबारा महागठबंधन के साथ सरकार बनाई छापे क्यों पड़ने लगे? जब मामला इतना पुराना है तो जाँच एजेंसियां अभी तक क्या कर रही थीं ?
केवल विपक्षी पार्टियों के यहाँ ही छापे क्यों पड़ रहे हैं? क्या भाजपा के सभी नेता दूध के धुले हैं? उनके यहाँ छापे क्यों नहीं पड़ते? विपक्षी पार्टी के भ्रष्ट नेता जब भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो उनके विरुद्ध जांच क्यों रोक दी जाती है ? उदहारण के िए बहुत से नेता हैं जैसे शुभेंदु अधिकारी, मुकुल रॉय, हिमंत बिस्व सरमा।