हिंदू पक्ष के वकील का ज्ञानवापी की ASI रिपोर्ट में मंदिर का ढांचा मिलने का दावा
वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट गुरुवार रात सार्वजनिक कर दी गई। 839 पेज की रिपोर्ट हिंदू-मुस्लिम पक्ष को सौंपी गई है। इसके बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने दावा किया है कि रिपोर्ट में मंदिर होने के 32 सबूत मिले हैं।
अदालत ने सर्वे रिपोर्ट की मीडिया कवरेज पर रोक लगाने से साफ इन्कार कर दिया। यह मांग अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से की गई थी। दूसरी तरफ मसाजिद कमेटी की सर्वे रिपोर्ट ई-मेल पर उपलब्ध कराने की मांग भी खारिज कर दी गई।
दरअसल, जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 23 जुलाई 2023 को ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश दिया था। इसी आधार पर एएसआई की टीम ने सील वजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर के सर्वे किया, फिर सीलबंद रिपोर्ट अदालत में दाखिल कर दिया।
विष्णु जैन ने आगे दावा करते हुए कहा कि ASI ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 1669 ई. में मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाया गया है। मौजूदा ढांचे मंदिर के ही अवशेष पर बना है। जबकि मस्जिद की गुंबद साढ़े तीन सौ साल ही पुराना है। अहाते के अंदर कई जगहों पर मंदिर के अवशेष समेत पीलरों पर देवी देवताओं की मूर्तियां मिले हैं। साथ ही देवनागरी और संस्कृत भाषा में कई श्लोक लिखे हुए हैं।
नागर शैली के कई ऐसे निशान मोजूद हैं जो बताते हैं कि ये एक हजार साल पुराने हैं। विष्णु जैन ने आगे कहा कि अब उनकी कोशिश होगी कि वुजूखाने का भी सर्वे कराया जाए।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा करते हुए कहा कि सर्वे रिपोर्ट में स्वस्तिक के निशान, कमल फूल के निशान समेत हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां भारी तादाद में मिली हैं। इसके साथ ही मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष भी मिले हैं। लेकिन मुस्लिम पक्ष की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बता दें कि हिंदू याचिकाकर्ताओं के यह दावा किया थीा कि 17वीं सदी की मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर किया गया था, जिसके बाद अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया। इसके बाद एएसआई ने 18 दिसंबर को सीलबंद लिफाफे में अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट जिला अदालत को सौंपी थी।