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बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने से हाइकोर्ट नाराज़

बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने से हाइकोर्ट नाराज़

20 साल जेल की सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने पर उच्चन्यायालय ने उठाए हैं। बलात्कार के दोषी को जनवरी में 50 दिन की पैरोल दी गई थी, यह लगभग 10 महीने में उसकी सातवीं और पिछले चार वर्षों में नौवीं पैरोल थी।

उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को 10 मार्च को राम रहीम का आत्मसमर्पण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उसी दिन उनकी पैरोल समाप्त होने वाली है। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह अगली बार राम रहीम को पैरोल देने के लिए अदालत से अनुमति का अनुरोध करे।

राम रहीम दो महिलाओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहे हैं। हरियाणा के रोहतक जिले की सुनारिया जेल में सलाखों में बंद राम रहीम सिंह पिछले साल सिर्फ़ तीन मौकों पर ही पैरोल में 91 दिन जेल से बाहर रहे थे। पूर्व डेरा प्रमुख शाह सतनाम सिंह की जयंती में शामिल होने के लिए उन्हें नवंबर में 21 दिन, जुलाई में 30 दिन और 21 जनवरी से 40 दिन के लिए रिहा किया गया था।

राम रहीम को 2017 में दो शिष्याओं के साथ बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी और बाद में 2002 में पत्रकार राम चंदर छत्रपति और डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्याओं सहित दो हत्या के मामलों में आजीवन कारावास की सजा मिली थी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह जानकारी देने का आदेश दिया है कि इस तरह से कितने लोगों को पैरोल दिया गया है। अदालत एसजीपीसी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

गुरमीत राम रहीम सिंह को जनवरी महीने में ही 50 दिन की पैरोल मिली है। उससे भी दो महीने पहले उनको 21 दिन की पैरोल मिली थी। पिछले 24 महीनों में राम रहीम सिंह की यह सातवीं और पिछले चार वर्षों में नौवीं पैरोल है। 20 साल जेल की सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को अब पैरोल के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से इजाजत लेनी पड़ेगी।

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