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हिज़बुल्लाह का अल-अरुरी की शहादत का बदला लेने का संकल्प

हिज़बुल्लाह का अल-अरुरी की शहादत का बदला लेने का संकल्प

इज़रायल द्वारा हमास के उप प्रमुख सालेह अल-अरुरी की शहादत के बाद हिज़बुल्लाह ने एलान कर दिया है कि, वह सालेह अल-अरुरी की शहादत का बदला अवश्य लेगा। 2 दिन पहले हिज़बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरुल्लाह ने जनता को संबोधित करते हुए साफ कर दिया था कि हिज़बुल्लाह सालेह अल-अरुरी की हत्या का बदला लिए बिना नहीं छोड़ेगा।

उन्होंने कहा, “अगर दुश्मन लेबनान के खिलाफ युद्ध छेड़ने के बारे में सोचता है, तो हमारी लड़ाई बिना किसी सीमा और बिना किसी नियम के होगी और वे जानते हैं कि मेरा क्या मतलब है। हसन नसरुल्लाह ने कहा कि हम युद्ध से नहीं डरते हैं और न ही इसे लेकर झिझकते हैं, लेबनान में हमास नेता की हत्या का बदला लिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि लेबनानी मोर्चे पर इज़रायली बड़ी संख्या में हताहत हो रहे हैं, लेकिन तेल अवीव शर्म के कारण हजारों हताहतों की संख्या को स्वीकार नहीं कर रहा है।

ग़ाज़ा रहने लायक नहीं रह गया है: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने ग़ाज़ा की तबाही और वहां के हालातों का जिक्र करते हुए कहा है कि इज़रायली सेना की लगातार बमबारी के बाद ग़ाज़ा रहने लायक नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर के भीषण हमलों के बाद ग़ाज़ा मौत और निराशा का स्थान बन गया है। ग़ाज़ा के नागरिकों को अपने अस्तित्व के लिए रोजाना खतरे का सामना करना पड़ रहा है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के प्रमुख का कहना है कि सहायता संगठनों के लिए ग़ाज़ा के 20 लाख लोगों की मदद करना असंभव हो गया है।

24 घंटे में 122 शहीद
7 अक्टूबर को हमले शुरू होने के बाद इज़रायल ने शनिवार (6 जनवरी) को 90वें दिन ग़ाज़ा पर बमबारी की। इस बीच खान यूनिस के एक घर को निशाना बनाया गया जिसमें 22 लोग शहीद हो गए। ग़ाज़ा के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में इज़रायली हमले में 122 फिलिस्तीनी शहीद हो गए हैं और 256 लोग घायल हो गए हैं। 7 अक्टूबर से अब तक 22,722 फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं।

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