हरियाणा: हरियाणा की विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को सदन की कार्यवाही चल रही है। जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष की कांग्रेस पार्टी ने मनोहर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
प्रस्ताव के पेश करने के बाद विधानसभा स्पीकर की अनुमति के बाद विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रस्ताव पर बोलना शुरू किया। हुड्डा ने अपना भाषण की शुरुवात दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में किसानों की मौत के मसले को लेकर की। साथ ही हुड्डा ने सीक्रेट वोटिंग करवाने की मांग की। वहीं CM मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस को कभी EVM पर अविश्वास हो जाता है। कभी देश की सेना पर अविश्वास हो जाता है। अब सत्ता पर भी अविश्वास इतना बढ़ गया है। आज सदन में जो माहौल बना, उसका कोई अर्थ नहीं है।
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास 90 सदस्यीय विधानसभा में एक आरामदायक बहुमत है, और इस प्रस्ताव से ज़ाहिरी तौर से उनकी सरकार पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा लेकिन विपक्ष के इस कदम से सत्तारूढ़ गठबंधन को किसानों से शर्मिंदा होना पड़ सकता है, और इस प्रस्ताव के ज़रिए कांग्रेस केंद्र सरकार की तरफ से बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से आने वाले समय फायदा मिलने की उम्मीद भी है।
इंडियन एक्सप्रेस की न्यूज़ के अनुसार वर्तमान में हरियाणा विधानसभा में 88 सदस्यों की संख्या है, जिसका मतलब ये है कि सत्ताधारी गठबंधन को सत्ता में बने रहने के लिए 45 वोटों की जरूरत है।
लेकिन भाजपा गठबंधन,के पास फिलहाल 50 सदस्य हैं भाजपा के पास 40 और जेजेपी के पास 10 हैं इस लिए आज सत्ताधारी सरकार इन पचास विधायकों के ज़रिए आसानी से किसानों के हक़ वाला प्रस्ताव रद्द कर सकते हैं जबकि दूसरी ओर कांग्रेस के 30 विधायक हैं। सात निर्दलीय हैं, जिनमें से पांच सरकार का समर्थन कर रहे हैं, जबकि एक सदस्य हरियाणा लोकहित पार्टी का है उससे में इस मामले में सरकार को समर्थन भी दिया है।
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि “अविश्वास प्रस्ताव से लोगों को पता चल जाएगा कि कौन सा विधायक सरकार के साथ खड़ा है और कौन सा विधायक किसानों के साथ खड़ा है।”