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हरियाणा कांग्रेस ने पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी के आरोपों को नकारा 

हरियाणा कांग्रेस ने पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी के आरोपों को नकारा 

हरियाणा: कांग्रेस पार्टी में ने हरियाणा में पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद कुमारी शैलजा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चयन पार्टी की उच्च नेतृत्व द्वारा ही किया जाएगा और इस पर किसी प्रकार की गुटबाजी नहीं है।

कुमारी शैलजा ने कहा कि टिकट वितरण को लेकर खींचतान होना स्वाभाविक है, खासकर तब जब 2500 से अधिक आवेदन आए हों। उन्होंने कहा कि इतने आवेदन आने पर एक उम्मीदवार का चयन करना आसान काम नहीं होता। परंतु टिकट तो एक ही व्यक्ति को मिलेगा, और बाकी कार्यकर्ताओं को पार्टी के प्रति वफादार रहकर पार्टी के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि राज्य में कांग्रेस एक मजबूत स्थिति में है और आने वाले चुनाव में पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी।

हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, टिकट वितरण और आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन के मुद्दे पर कांग्रेस के विभिन्न धड़ों में मतभेद सामने आए हैं। यह कहा जा रहा है कि हरियाणा कांग्रेस में दो प्रमुख गुट हैं—एक गुट कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला का है, जबकि दूसरा गुट विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का।

सूत्रों के अनुसार, टिकट वितरण में भूपेंद्र हुड्डा का गुट हावी रहा और उनकी मर्जी से कई टिकट तय किए गए। इसके अलावा, आप के साथ गठबंधन पर भी पार्टी के अंदर मतभेद देखे जा रहे हैं। हुड्डा गुट आप के साथ गठबंधन के खिलाफ है, जबकि कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला गठबंधन के पक्ष में हैं।

इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि भले ही कांग्रेस नेतृत्व गुटबाजी से इनकार कर रहा हो, लेकिन पार्टी के अंदर आंतरिक खींचतान और मतभेदों की चर्चाएं ज़ोरों पर हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनाव में कांग्रेस किस तरह से इन आंतरिक विवादों को सुलझाकर एकजुटता के साथ मैदान में उतरती है।

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