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हरियाणा: किसानों और पुलिस के बीच झड़प, खट्टर का दौरा रद्द

Ambala: Police personnel use water canons on farmers to stop them from crossing the Punjab-Haryana border during 'Delhi Chalo' protest march against the new farm laws, near Ambala, Thursday, Nov. 26, 2020. (PTI Photo)(PTI26-11-2020_000140B)

हरियाणा (Haryana) के करनाल जिले के कैमला गांव में बीजेपी (BJP) की तरफ से किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) रैली बुलाई गई थी जिसमे हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर किसानों के बातचीत करने वाले थे और उन्हें नए कृषि कानूनों का फायदा समझाने वाले थे लेकिन उनके आने से पहले ही कृषि कानूनों का विरोध कर रहे सैकड़ों किसान वहां पहुंच गए. किसानों ने काले झंड़े दिखाए और सीएम खट्टर के खिलाफ नारेबाजी की.

जिसके बाद किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन किसान नहीं माने. पुलिस ने उग्र किसानों पर ठंडे पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे हैं. इससे वहां स्थिति तवानपूर्ण बनी हुई है इस स्थिति को देख कर मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने गांव का दौरा रद्द कर दिया है.

इस घटना की वे वीडियो में सैकड़ों किसान खेतों में भागते हुए दिख रहे हैं. पुलिस इन किसानों पर लाठियां बरसा रही है. कई किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं. किसानों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ी. घटना के बाद किसान फिलहाल आस-पास के गांवों में चले गए हैं. यहां पर अब बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.

इस बीच करनाल में मुख्यमंत्री सीएम के के लिए बनाए गए स्टेज पर किसानों ने की तोड़फोड़ की है. प्रदर्शनकारी किसानों ने कुर्सियां टेबल तोड़ डाली है. मुख्यमंत्री के हेलीपैड पर भी बड़ी संख्या में किसान हैलिपैड पर जम गए थे.

इस घटना पर कांग्रेस ने सीएम खट्टर पर हमला किया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि खट्टर सरकार किसान महापंचायत का ढोंग बंद करें.

सुरेजेवाला ने ट्वीट किया, “मा. मनोहर लाल जी, करनाल के कैमला गांव में किसान महापंचायत का ढोंग बंद कीजिए. अन्नदाताओं की संवेदनाओं एवं भावनाओं से खिलवाड़ करके कानून व्यवस्था बिगाड़ने की साजिश बंद करिए. संवाद ही करना है तो पिछले 46 दिनों से सीमाओं पर धरना दे रहे अन्नदाता से कीजिए.”

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आगे लिखा: शर्म कीजिए खट्टर साहेब।

जब आप किसान महापंचायत कर रहे हैं तो वहाँ आने से किसानों को ही रोकने का मतलब क्या है?

मतलब साफ़ है-आपको किसानों से सरोकार न होकर केवल इवेंटबाजी से मतलब है।

याद रखिए, यही हाल रहा तो बिना पुलिस के आपका घर से निकलना नामुमकिन हो जाएगा।

काले क़ानून वापस लें।

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