हर्षा भोगले की जनता से कबूतरों को दाना न डालने की अपील
भारतीय क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जनता से कहा कि “कबूतरों को दाना डालना बंद करें।” उन्होंने बताया कि कबूतरों के मल के आसपास साँस लेना फेफड़ों के लिए बहुत हानिकारक है और यह कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
भोगले ने The Indian Express के एक लेख का हवाला देते हुए बताया कि कबूतरों के मल के कारण हवा में फैलने वाले कण फेफड़ों के लिए घातक साबित हो सकते हैं। उन्होंने उस लेख में एक ऐसी महिला का ज़िक्र किया जो कबूतरों के मल के संपर्क में आने से फेफड़ों के फाइब्रोसिस की शिकार हुईं और बाद में उनकी मृत्यु हो गई।
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में भोगले ने लिखा — “दिल्ली में ग्राउंड की तरफ जाते हुए मेरा दिल दहल गया जब मैंने लोगों को कबूतरों की पूरी फौज को दाना डालते देखा।” उन्होंने आगे लिखा — “डॉक्टर पहले से चेतावनी दे रहे हैं कि कबूतरों की बीट के आसपास साँस लेना फेफड़ों की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।”
यह पहली बार नहीं है जब हर्षा भोगले ने ऐसी अपील की है। 2024 में भी उन्होंने एक सोशल मीडिया यूज़र की पोस्ट साझा की थी जिसमें लिखा था — “कृपया कबूतरों को दाना डालना बंद करें। आप अनजाने में अपने और दूसरों के बीच साँस से जुड़ी बीमारियाँ फैला रहे हैं।”
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी चेतावनी दी है कि कबूतरों का मल और उनके पर कई तरह की साँस की बीमारियों से जुड़े हैं। कबूतर हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस और फेफड़ों के फाइब्रोसिस जैसी बीमारियाँ फैला सकते हैं। जब कबूतरों का मल सूख जाता है, तो वह धूल बनकर हवा में घुल जाता है, जिसे साँस के ज़रिए अंदर लेने पर फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुँच सकता है।

