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गुजरात दंगों की प्रभावित ज़किया जाफरी का निधन

गुजरात दंगों की प्रभावित ज़किया जाफरी का निधन

कांग्रेस के पूर्व सांसद स्वर्गीय एहसान जाफरी की पत्नी ज़किया जाफरी, जो 23 वर्षों तक अपने पति और गुजरात के अन्य दंगा पीड़ितों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ती रहीं, शनिवार 1 फरवरी को अपने असली मालिक से मिल गईं। याद रहे कि उनके पति एहसान जाफरी को 2002 में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड में उग्र भीड़ ने बड़ी बेरहमी से ज़किया जाफरी की आँखों के सामने हत्या कर दी थी।

ज़किया जाफरी का निधन सुबह लगभग 11:30 बजे हुआ। उनके निधन की पुष्टि करते हुए मानवाधिकार की मशहूर कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने अपने “X” पर पोस्ट किया कि “मानवाधिकार समुदाय की एक सहानुभूतिपूर्ण नेता ज़किया आपा का केवल 30 मिनट पहले निधन हो गया है!”

ज़किया जाफरी, जो लंबे समय से न्याय की लड़ाई लड़ रही थीं, ने अपनी लड़ाई की शुरुआत उस समय के मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की कोशिश करते हुए की थी, जिसमें कहा गया था कि पुलिस ने उस समय के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य बीजेपी नेताओं के खिलाफ मुस्लिम-विरोधी हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की थी।

न्याय के लिए उनका संघर्ष 2008 में उस समय तेज हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार सहित नौ मामलों की पुनः जांच करने का आदेश दिया, साथ ही ज़किया जाफरी की शिकायत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) भी गठित किया। याद रहे कि दो साल पहले, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने ज़किया जाफरी द्वारा 2002 के गुजरात नरसंहार मामले में पीएम मोदी और अन्य कई लोगों को विशेष जांच दल (SIT) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।

बता दें कि जकिया जाफरी राष्ट्रीय स्तर पर काफी सुर्खियों में रह चुकी हैं। उन्होंने गोधरा ट्रेन आगजनी की घटना के बाद हुए दंगों की बड़ी साजिश के लिए शीर्ष राजनीतिक नेताओं को जिम्मेदार ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ी।

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