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गुजरात विधायक जिग्नेश मेवानी की जमानत याचिका खारिज

गुजरात विधायक जिग्नेश मेवानी की जमानत याचिका खारिज

गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को पुलिस अधिकारियों पर हमला करने के मामले में असम के बारपेटा जिले की एक स्थानीय अदालत ने पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी।

गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को पुलिस अधिकारियों पर हमला करने के मामले में असम के बारपेटा जिले की एक स्थानीय अदालत ने पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी। जिग्नेश मेवाणी के वकील एडवोकेट अंगशुमान बोरा ने बताया कि बारपेटा पुलिस ने गुजरात विधायक जिग्नेश मेवानी को उनके ट्वीट से जुड़े मामले में जमानत मिलने के ठीक बाद एक अन्य मामले में फिर से गिरफ्तार किया गया था।

कांग्रेस समर्थित एवं उत्तर गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी को 20 अप्रैल को असम पुलिस ने पालनपुर सर्किट हाउस से गिरफ्तार किया था। असम में उनके खिलाफ दर्ज हुए एक मामले की जांच के चलते पुलिस ने यह कार्रवाई की थी। जिग्नेश मेवानी ने देश में हिंसक घटनाओं को लेकर एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाथूराम गोडसे की विचारधारा को मानते हैं इसलिए वे देश में शांति की अपील नहीं करेंगे।

इस ट्वीट से नाराज मोदी समर्थक की ओर से असम में जिग्नेश मेवानी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने बताया कि उनके खिलाफ दर्ज शिकायत को लेकर ही उनको हिरासत में लिया गया तथा ट्रांजिट रिमांड पर अहमदाबाद से दिल्ली तथा दिल्ली से असम ले जाया गया। जमानत मिलने के बाद एक अन्‍य मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।

गुजरात के गिरफ्तार निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी की रिहाई की मांग को लेकर मार्च निकालने वाले असम कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को मंगलवार को कुछ समय बाद रिहा होने से पहले बारपेटा जिले के एक पुलिस थाने ले जाया गया। जिला पुलिस अधीक्षक अमिताभ सिन्हा ने कहा कि किसी को भी हिरासत में नहीं लिया गया है और वह बाद में विवरण देंगे।

बारपेटा पुलिस स्टेशन ले जाए गए नेताओं में से एक कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने आरोप लगाया कि भाजपा लोकतंत्र के लिए कोई सम्मान नहीं रखती है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने के लिए तैयार है जिसे हम किसी भी कीमत पर अनुमति नहीं दे सकते हैं। हम मेवानी की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं। .

कोकराझार जिले की एक अदालत ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनके द्वारा किए गए एक ट्वीट के मामले में मेवानी को जमानत दे दी थी जिसके बाद उन्हें दोबारा 21 अप्रैल को एक महिला पुलिस अधिकारी पर हमला करने और अपमानित करने के आरोप में फिर से गिरफ्तार किया गया। नया मामला बारपेटा जिले के एक थाने में दर्ज किया गया है। बारपेटा रोड थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार कथित घटना तब हुई जब वह 21 अप्रैल को दलित नेता को गुवाहाटी हवाईअड्डे से कोकराझार ले जा रही थीं।

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