वक्फ बिल के खिलाफ सरकार को देशव्यापी विरोध की चेतावनी
वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ जोरदार आवाज उठाते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य राष्ट्रीय संगठनों के नेतृत्व ने आम नागरिकों के साथ सोमवार को जंतर-मंतर पर धरना दिया. इस मौके पर वक्ताओं ने प्रस्तावित विधेयक को देश में अशांति और अराजकता पैदा करने की कोशिश बताया और केंद्र की मोदी सरकार से इसे रोकने की अपील की।
हजारों लोगों की भीड़ और जोरदार नारे के बीच जनता को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी कि वे बिल के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन से पहले सरकार को अंतिम संदेश देना चाहते हैं कि वक्फ कानूनों में संशोधन स्वीकार्य नहीं है।
राष्ट्रीय धार्मिक ववक्ताओं ने कहा कि, यह सिर्फ वक्फ के लिए संघर्ष नहीं है, बल्कि देश के संविधान को बचाने का संघर्ष है। हम किसी वीटो के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इस बिल के खिलाफ हैं और जब तक इसे वापस नहीं लिया जाता, हमारा संघर्ष खत्म नहीं होगा।
साथ ही सरकार को चेतावनी दी गई कि अगर उसने अपने इरादे नहीं रोके तो मुस्लिम और उनके संगठन देश भर में विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को सरकार द्वारा जब्त करना है।यह सिर्फ कानूनी मुद्दा नहीं बल्कि धार्मिक मुद्दा है और इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
धार्मिक नेताओं ने इसे देश के संविधान और बुनियादी ढांचे पर गंभीर हमला बताया। उन्होंने देश में मुस्लिम घरों, मस्जिदों और मदरसों पर चल रहे बुलडोजर का जिक्र करते हुए कहा कि अब वे संविधान पर भी बुलडोजर चलाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने देश के न्यायप्रिय नागरिकों से अपील की कि वे इस मामले में मुसलमानों के साथ खड़े हों क्योंकि यह केवल मुसलमानों की नहीं बल्कि पूरे देश की समस्या है। साथ ही मुसलमानों से यह भी अपील की गई कि वे उसके विरुद्ध लंबे संघर्ष और बलिदान के लिए तैयार रहें, क्योंकि बलिदान के बिना कोई बड़ा संघर्ष संभव नहीं है।
वक्फ संशोधन बिल के विरोध और प्रदर्शन पर जलियांवाला बाग बनाने की धमकी के जवाब में मंच से चेतावनी दी गई, ”अगर किसी को जनरल डायर बनने का शौक है तो उसे याद रखना चाहिए कि उसकी गोलियां खत्म हो जाएंगी लेकिन हमारा शांतिपूर्ण संघर्ष खत्म नहीं होगा।
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि वक्फ संशोधन विधेयक अलोकतांत्रिक तरीके से पेश किया गया है। सरकार ने इस पर सेंट्रल वक्फ काउंसिल से सलाह नहीं ली, जिससे उसके छुपे एजेंडे का पता चलता है।