गोरखपुर , आदित्यनाथ का मास्टर स्ट्रोक या भाजपा की मजबूरी उत्तर प्रदेश विधानसभा में योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से चुनाव में उतारने की चर्चा थी फिर कहा गया कि वह मथुरा से चुनाव मैदान में उत्तर सकते हैं।
गोरखपुर से कई बार सांसद रहे आदित्यनाथ को सब अटकलों को दरकिनार करते हुए गोरखपुर शहर से विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया गया है। अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके गढ़ गोरखपुर से चुनाव मैदान में उतारा है।
अयोध्या और मथुरा से योगी को लड़ाए जाने की अटकलों को खारिज करते हुए बीजेपी ने उन्हें गोरखपुर शहर से टिकट दिया है। बीजेपी ने यह फैसला क्यों इसको लेकर तमाम तरह के विश्लेषण किए जा रहे हैं। कोई इसे पूर्वांचल में 2017 के प्रदर्शन को दोहराने की रणनीति बता रहा है तो कोई कह रहा है कि योगी ने अपने लिए सुरक्षित सीट इसलिए चुनी ताकि वह पूरे प्रदेश में प्रचार पर ध्यान दे सकें।
इस बीच, सी वोटर ने इस सवाल पर जनता की राय ली है। सी-वोटर ने ओपिनियन पोल में जनता से पूछा कि गोरखपुर से योगी को चुनाव लड़वाना मास्टरस्ट्रोक है या बीजेपी की मजबूरी? इसके जवाब में 55 फीसदी लोगों ने कहा कि यह बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक है, जबकि 32 फीसदी ने कहा कि यह बीजेपी की मजबूरी है। वहीं, 13 फीसदी लोगों ने ‘पता नहीं’ में जवाब दिया।
योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर से चुनाव मैदान में उतरने से क्या अखिलेश यादव पर भी चुनाव लड़ने का दबाव बनेगा? इसके जवाब में 48 फीसदी लोगों ने कहा कि हां सपा अध्यक्ष पर दबाव बढ़ेगा। 33 फीसदी ने कहा कि अखिलेश पर दबाव नहीं बनेगा तो 19 फीसदी ने ‘पता नहीं’ जवाब दिया।