अब सोने ने कच्चे तेल की जगह ले ली है: आरबीआई गवर्नर
अब सोना सिर्फ एक कीमती धातु नहीं, बल्कि वैश्विक अनिश्चितता का नया पैमाना बन गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में यह अहम बात कही। उन्होंने कहा कि जैसे पहले कच्चा तेल दुनिया की आर्थिक गतिविधियों का प्रतिबिंब माना जाता था, अब वही भूमिका सोना निभा रहा है।
तस्वीर क्यों बदली?
आरबीआई गवर्नर ने कोटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025 में कहा कि शायद अब सोने की कीमतें भी कच्चे तेल की तरह ही व्यवहार कर रही हैं। यह अब वैश्विक अनिश्चितता का संकेतक बन गया है। उन्होंने बताया कि पहले जब युद्ध या किसी संकट के कारण भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता था तो तेल की कीमतें आसमान छूने लगती थीं, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। वजह यह है कि, अब दुनिया की जीडीपी में तेल पर निर्भरता घट गई है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव सिर्फ भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में देखा जा रहा है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था की नई चुनौती
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि दुनिया भर में वित्तीय हालात तनावपूर्ण हैं और मौजूदा व्यापार नीतियां कई अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि पर असर डाल सकती हैं। हाल ही में घोषित मौद्रिक नीति में आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था उम्मीद से मजबूत दिख रही है, लेकिन भविष्य अभी भी अनिश्चित है।
शेयर बाजार पर आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा ?
शेयर बाजार की स्थिति पर बोलते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि “इक्विटी मार्केट कुछ ज्यादा ही आत्मसंतुष्ट दिख रही है।” उन्होंने आगाह किया कि आने वाले समय में बाजार में सुधार (correction) देखने को मिल सकता है। पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। शुक्रवार को स्पॉट गोल्ड की कीमत 3,867 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई — यह लगातार सातवें सप्ताह बढ़ोतरी का संकेत है।

