ISCPress

दिल्ली में हिजाब पहनकर छात्रा को परीक्षा देने से रोकने का आरोप

दिल्ली में हिजाब पहनकर छात्रा को परीक्षा देने से रोकने का आरोप

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक छात्रा को हिजाब पहनने की वजह से परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रा का कहना है कि उसे हिजाब पहनने की वजह से NTA द्वारा आयोजित CUET पोस्ट ग्रेजुएट एंट्रेंस एग्जामिनेशन में शामिल होने से रोका गया था। छात्रा की ओर से एनटीए की वेबसाइट पर भी शिकायत दर्ज कराई गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक एनटीए ने धार्मिक पोशाक पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई है। हालांकि किसी धर्म विशेष की पोशाक पहनने की स्थिति में जल्द केंद्र पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि सत्यापन प्रक्रिया को समय पर पूरा किया जा सके।

दरअसल, दिल्ली यूनिवर्सिटी के जाकिर हुसैन इवनिंग कॉलेज में बीए प्रोग्राम के एक छात्र ने समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन में दाखिले के लिए आवेदन किया था। दो दिन पहले उसकी परीक्षा थी। यह सरिता विहार मेट्रो स्टेशन के पास एवन डिजिटल ज़ोन IZ-2 मथुरा रोड पर केंद्रित है।

छात्रा का कहना है कि वह समय से सेंटर पहुंच गई, जहां महिला सुरक्षाकर्मी ने उससे हिजाब उतारने को कहा। उसने अपना हिजाब उतार दिया और अपनी जांच करवाई। आरोप है कि जब उसने दोबारा हिजाब पहनकर अंदर जाना चाहा तो स्टाफ ने उसे अंदर जाने से रोक दिया।

छात्रा ने अपने माता-पिता को फोन किया और उसने कहा कि उसके माता-पिता काफी डरे हुए थे , इसी कारण उसे परीक्षा से वापस आने के लिए कहा। वह अकेली थी और इतनी डरी हुई थी कि घर वापस आ गई। इसके बाद उसने मेल के जरिए शिकायत भेजी। छात्रा ने न्याय की मांग की है।

हिजाब विवाद कब ख़त्म होगा यह कहना मुश्किल है, क्योंकि कर्नाटक से उठा यह विवाद दूसरे राज्यों तक पहुँच चुका है, हालांकि यह मुद्दा अभी अदालत में है लेकिन कुछ उत्पादी संगठनों की वजह से अब यह राजनीतिक मुद्दा बन गया है जिसके कारण स्कूल प्रशासन भी कुछ जगहों पर इसमें सख़्ती दिखने लगे हैं। जबकि बहुत से राज्य की सरकारें इसे कोई मुद्दा नहीं मानते हुए इसे धार्मिक आज़ादी मानती हैं।

Exit mobile version