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अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर जेल में जानलेवा हमला

अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर जेल में जानलेवा हमला

लखनऊ की जेल में अखिलेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति पर जानलेवा हमला हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जेल में बंद एक अन्य कैदी ने कैंची से उनके सिर पर वार किया। प्रजापति, जो अखिलेश यादव की सरकार में खनन मंत्री रहे थे, मार्च 2017 में एक सामूहिक बलात्कार मामले में गिरफ्तार किए गए थे और तब से सलाखों के पीछे हैं। कभी मुलायम सिंह यादव के बेहद भरोसेमंद माने जाने वाले प्रजापति का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है।

प्रजापति का नाम अवैध खनन गतिविधियों से जुड़ा रहा और उन पर कथित रूप से इस पूरे नेटवर्क का सरगना होने का आरोप भी लगा। वे सपा के इतने ताकतवर नेता थे कि पार्टी उन पर कार्रवाई से कतराती रही। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया, लेकिन पार्टी नेताओं के दबाव में उन्हें दोबारा बहाल करना पड़ा। हालांकि उसी साल मार्च में उन्हें दुष्कर्म केस में गिरफ्तार कर लिया गया।

सियासत में आने से पहले प्रजापति ठेकेदार थे। 2012 में उन्होंने अमेठी से कांग्रेस नेता संजय सिंह की पत्नी अमिता सिंह को हराकर सुर्खियां बटोरीं। इसके बाद मुलायम सिंह यादव का विश्वास जीतकर वे 2013 में राज्य मंत्री बने और बाद में कैबिनेट मंत्री पद तक पहुंचे। सपा ने उन्हें पिछड़े वर्गों, खासकर 17 समुदायों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर संगठित करने की जिम्मेदारी भी दी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भले ही पार्टी को हार मिली हो, मगर प्रजापति नेतृत्व की नजरों में बने रहे और मंत्रिमंडल में उनका कद सुरक्षित रहा।

पत्नी महाराजी प्रजापति ने लगाया साजिश का आरोप
जेल में हमले के बाद उनकी पत्नी और अमेठी की विधायक महाराजी प्रजापति ने इसे साजिश करार दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि जिस जेल में खाने-पीने तक का सामान जांचे बिना अंदर नहीं जाता, वहां कैंची कैसे पहुंची। महाराजी ने कहा कि उनके पति निर्दोष हैं और बिना मेडिकल परीक्षण के उन्हें सजा सुनाई गई। उन्होंने सरकार से न्याय की मांग की।

बेटी अंकिता ने पिता की जान को खतरा बताया
इसी तरह उनकी बेटी अंकिता ने भी पिता की जान को खतरा बताया और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि साढ़े आठ साल से उनके पिता ऐसी सजा काट रहे हैं, जो उन्होंने की ही नहीं। अंकिता ने आरोप लगाया कि आरोप लगाने वाली लड़की का भी मेडिकल परीक्षण नहीं कराया गया और कोर्ट में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर मदद की गुहार लगाई।

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