अफ्रीका के ख़िलाफ़ 0-2 से टेस्ट सीरीज गंवाने के बाद गंभीर ने हार की ज़िम्मेदारी ली
दक्षिण अफ्रीका के हाथों दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-2 की करारी हार के बाद भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर मीडिया के सामने आए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनसे सीधा सवाल पूछा गया कि क्या वे टेस्ट क्रिकेट के लिए सही कोच साबित हो रहे हैं। गंभीर ने इस पर साफ कहा कि उनके भविष्य को लेकर फैसला बीसीसीआई करेगी, लेकिन उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनमें इंग्लैंड में बेहतरीन प्रदर्शन, चैंपियंस ट्रॉफी की जीत और एशिया कप जैसे बड़े खिताब शामिल हैं।
गंभीर ने दोहराया कि कोच पद को लेकर अंतिम निर्णय बोर्ड का होगा। हालांकि, उन्होंने अपने अनुभव और पिछले महत्वपूर्ण अभियानों में मिली सफलताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी कप्तानी या कोचिंग में टीम ने कई अहम मौकों पर मजबूत प्रदर्शन किया है।
सीरीज हार के लिए जिम्मेदारी लेते हुए गौतम गंभीर ने कहा कि किसी एक खिलाड़ी, एक गलती या एक शॉट को दोषी ठहराना आसान है, लेकिन सही नहीं। उनके अनुसार यह हार पूरी टीम की सामूहिक जिम्मेदारी है और शुरुआती जिम्मेदारी उनके खुद के कंधों पर आती है। गंभीर ने जोर देकर कहा कि वह कभी भी किसी खिलाड़ी को सार्वजनिक रूप से हार का जिम्मेदार नहीं ठहराते और आगे भी ऐसा नहीं करेंगे।
उन्होंने टीम के खेल पर बात करते हुए कहा कि पहली पारी में 1 विकेट पर 95 रन से 7 विकेट पर 122 रन तक गिरना स्वीकार्य नहीं हो सकता। ऐसी स्थिति में यह कहना कि किसी एक खिलाड़ी ने मैच बिगाड़ा, वास्तविकता से दूर है। गंभीर के अनुसार हार की जड़ें टीम के समग्र प्रदर्शन में छिपी होती हैं, न कि किसी एक इंसान में।
गंभीर के कोचिंग कार्यकाल में भारत ने अब तक 18 टेस्ट खेले हैं, जिनमें से 10 में टीम को हार का सामना करना पड़ा है। पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू हार और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गुवाहाटी में मिली ऐतिहासिक रूप से बड़ी हार ने टीम प्रबंधन पर सवाल खड़े किए हैं। यह हार भारत की टेस्ट इतिहास में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी हार रही।
गंभीर ने यह भी कहा कि टेस्ट क्रिकेट चमकदार प्रतिभा की नहीं, बल्कि मजबूत मानसिकता और धैर्य की परीक्षा है। उनके अनुसार सीमित कौशल वाले लेकिन जिद्द और गहरे मानसिक संतुलन वाले खिलाड़ी ही लंबे फॉर्मेट में असली टेस्ट क्रिकेटर बनते हैं।

