ISCPress

उत्तर प्रदेश में हलाल उत्पादों पर बैन के बाद कई जगहों पर FSDA की छापेमारी

उत्तर प्रदेश में हलाल उत्पादों पर बैन के बाद कई जगहों पर FSDA की छापेमारी

उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग लगातार छापामारी की छापेमारी जारी है। हरदोई के विभिन्न जिलों में छापेमारी के बाद हड़कंप मच गया। FSDA की टीम ने मंगलवार को हरदोई के कई शॉपिंग मॉल व दुकानों में छापेमारी की। इस दौरान फलों की दुकानों, फार्चून की दुकानों और अन्य कई कॉम्प्लेक्स में बिकने वाले खाद्य पदार्थें की चेकिंग की गई। यहां पर टीम हलाल सर्टिफाइड उत्पाद नहीं मिला।

उधर, गाजियाबाद में भी दर्जन भर से ज्‍यादा दुकानों पर छापा मारा गया। जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने कविनगर, शास्‍त्रीनगर, राकेश मार्ग पर स्थित दुकानों पर छापे मारे। इस दौरान टीम को एक प्रसिद्ध कंपनी के हलाल प्रमाणित सूप और नूडल्‍स मिले। टीम ने सभी पैकेट्स को सील कर दिया है। टीम ने कई रेस्‍टोरेंट पर भी छापा मारा। हालांकि इस दौरान कोई हलाल सर्टिफाइड उत्‍पाद नहीं बरामद हुआ। छापेमारी के दौरान टीम ने तीन नमूनों को सील करके जांच के लिए भेज दिया।

इन सब के बीच जमीयत उलेमा-ए-हिन्द हलाल ट्रस्ट के सीईओ नियाज ए फारूकी ने कार्रवाई की निंदा की और इसे पूरी तरह से गलत बताया है। उन्होंने कहा कि हलाल ट्रस्ट का प्रमाण पत्र नियमों के तहत दिया जाता है और सिर्फ निर्यात के लिए होता है। विदेश में खासतौर पर मुस्लिम देशों में उत्पाद निर्यात करने वाली कंपनियां प्रमाण पत्र लेती हैं। मलेशिया चीनी निर्यात करने वाली चीनी मिलें भी हलाल प्रमाण पत्र लेती हैं। उन्होंने कहा कि हम इस मामले को अदालत में ले जाएंगे।

वहीं, पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन को बैन करने को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग से शिकायत की है। शिकायत में कहा है कि राज्य सरकार का आदेश प्रथम दृष्टया विधि सम्मत नहीं दिखता है। यह सही है कि खाद्य पदार्थ, औषधि, चिकित्सा सामग्री, प्रसाधन से जुड़े कानून में अलग से हलाल सर्टिफिकेशन की व्यवस्था नहीं है। लेकिन, इसका यह मतलब नहीं है कि अगर कोई व्यक्ति हलाल सर्टिफिकेशन लिखता या लगाता है तो गैरकानूनी करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।

Exit mobile version