विपक्ष के बैंक खाते पार्टी फ्रीज करना, सत्ताधारी दल का खतरनाक खेल: खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। खड़गे ने इलेक्टोरल बॉन्ड, कांग्रेस के बैंक अकाउंट पर IT की कार्रवाई पर बात की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को असहाय बनाकर केंद्र सरकार फ्री और फेयर चुनाव की बात करती है। ऐसा नहीं हो सकता। हमारे खाते रिलीज किए जाने चाहिए।
खड़गे ने कहा- ”लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराए जाएं और सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर मुहैया कराए जाएं। ऐसा नहीं होना चाहिए कि ईडी, I-T और अन्य स्वायत्त निकायों को नियंत्रित किया जाता है। पिछले कुछ दिनों में, SC के हस्तक्षेप के बाद, चुनावी बांड के बारे में जो तथ्य सामने आए हैं, उन्होंने देश की छवि को नुकसान पहुंचाया है।”
उन्होंने कहा- भाजपा ने कुछ कंपनियों से पैसा कैसे लिया, इसका जिक्र नहीं करना चाहता। चूंकि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच कर रहा है, मुझे उम्मीद है कि सच्चाई जल्द सामने होगी। मैं संवैधानिक संस्थाओं से अपील करता हूं कि अगर वे स्वतंत्र-निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं, तो उन्हें हमें अपने बैंक खातों के इस्तेमाल की अनुमति देनी चाहिए। कोई भी राजनीतिक दल आयकर के दायरे में नहीं आता।
खड़गे ने कहा- लोकतंत्र के लिए चुनाव अनिवार्य होता है, साथ ही यह भी आवश्यक है कि सभी राजनीतिक दल के लिए लेवल प्लेयिंग फील्ड हो। ये नहीं कि जो सत्ता में है, संसाधनों पर उनकी मोनोपॉली हो और देश की संस्थाओं पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उनका नियंत्रण हो।
वहीं कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा- “…यह मुद्दा सिर्फ कांग्रेस को ही प्रभावित नहीं करता है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र को भी मौलिक रूप से प्रभावित करता है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को आर्थिक रूप से कमजोर करने का एक व्यवस्थित प्रयास चल रहा है। जनता से एकत्र किया गया धन है हमारे खातों से पैसे ज़बरदस्ती छीने जा रहे हैं।
हालाँकि, इन सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी, हम अपने चुनाव अभियान की प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। एक तरफ, चुनावी बांड का मुद्दा है जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित किया गया। चुनावी बांड से भाजपा को भारी लाभ हुआ। दूसरी ओर, प्रमुख विपक्षी दल – कांग्रेस – की वित्तीय स्थिति पर हमला किया जा रहा है। हम सभी का मानना है कि यह अभूतपूर्व और अलोकतांत्रिक है।”