रूस और ब्रिटेन दोनों के विदेश मंत्री दिल्ली में, राजनितिक पारा बढ़ा
रूस और यूक्रेन संकट के बीच आज एक दूसरे के सामने खड़े ब्रिटेन और रूस दोनों के ही विदेश मंत्री आज नई दिल्ली में मौजूद होंगे। दुनिया भर का तेजी से बदलते घटनाक्रम दुनिया के कई देशों को एक नई वैश्विक रणनीति पर काम करने के लिए मजबूर कर रहा है।
रूस और यूक्रेन युद्ध से उपजे संकट के बीच आज एक दूसरे के विरोधी ख़ैमे में मौजूद रूस और ब्रिटेन की विदेश मंत्री दिल्ली में होंगे। हालांकि भारत सरकार इस संकट को लेकर शुरू से ही संतुलित रवैया अपनाए रही है और वह इस मामले में काफी हद तक सफल भी है। रूस और यूक्रेन कई दौर की वार्ता के बाद भी अभी तक किसी समझौते पर पहुंचते नजर नहीं आ रहे हैं।
दुनियाभर के देश नए वैश्विक समीकरणों को देखते हुए अपने अपने हित साधने के प्रयास में लगे हुए हैं। इसी क्रम में ब्रिटेन से लेकर रूस और चीन से लेकर अमेरिका तक कई देशों के वरिष्ठ अधिकारी एवं मंत्रियों के नई दिल्ली पहुंचने का सिलसिला लगा हुआ है। हालांकि भारत रूस यूक्रेन युद्ध में अभी तक संतुलित भूमिका निभाता आया है और उसने तटस्थ रहने की रणनीति अपनाई है।
संयुक्त राष्ट्र में भी भारत जहां एक ओर यूक्रेन के पक्ष में वोटिंग करने से दूर रहा वहीं उसने रूस के पक्ष में भी वोटिंग नहीं की। ऐसे में रूस के विदेश मंत्री सरगेई लावरोव की अचानक भारत यात्रा उनके इस दौरे के महत्व को बताने के लिए पर्याप्त है। हाल ही में चीन , ग्रीस , ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री भी भारत दौरे पर आए थे। आज ही अमेरिका के डिप्टी एनएसए, रूस के विदेश मंत्री सरगेई लावरोव और ब्रिटेन की विदेश सचिव भारत यात्रा पर होंगी।
भारत में इन सभी देशों के साथ अपने मजबूत रिश्तो का पक्षधर है और वह किसी से भी अपने संबंधों में मनमुटाव नहीं चाहता। अगले 3 दिन तक नई दिल्ली में यूक्रेन मुद्दे पर गहन चर्चा रहने के आसार रहेंगे। अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत यात्रा पर हैं वहीं इसी समय रूस के विदेश मंत्री सरगेई लावरोव भी नई दिल्ली में मौजूद रहेंगे।
रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों में दलीप सिंह की अहम भूमिका रही है। कहा जा रहा है कि दलीप सिंह अपनी भारत यात्रा के दौरान रूस पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरों के बारे में भारत सरकार को अवगत कराएंगे। दलीप सिंह की भारत यात्रा के समय ही रूस के विदेश मंत्री सरगेई लावरोव भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए नई दिल्ली पहुंचे हुए हैं। दोनों देश रूस से होने वाले तेल आयात और सैन्य उपकरण की खरीद के लिए भुगतान प्रणाली पर चर्चा करेंगे।
रूस के विदेश मंत्री और अमेरिका के उप राष्ट्रीय सलाहकार की नई दिल्ली में उपस्थिति के दौरान ही ब्रिटेन की विदेश सचिव एलिजाबेथ भी 31 मार्च को ही भारत दौरे पर आ रही हैं। रूस यूक्रेन संकट के बीच दुनिया भर के कई दिग्गज नेताओं की नज़रें नई दिल्ली के रुख पर टिकी हुई हैं। रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से दो बार बात कर चुके हैं वहीं जेलेंस्की से भी उनकी बातचीत रही है।