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बिहार की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी मतदाता सूची का SIR शुरू होगा

बिहार की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी मतदाता सूची का SIR शुरू होगा

बिहार की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया जाएगा। चुनाव आयोग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। इस प्रक्रिया के तहत अब हर मतदाता को गणना फॉर्म भरकर हस्ताक्षर करना होगा। इसके लिए बीएलओ (Booth Level Officer) घर-घर जाकर फॉर्म भरवाएंगे और पड़ताल के बाद ही मतदाता सूची में नाम शामिल किया जाएगा।

मुख्य चुनाव अधिकारी नवदीप रिणवा ने अधिकारियों को इसके लिए ट्रेनिंग दी है। बताया जा रहा है कि साल 2003 की मतदाता सूची को वेबसाइट ceouttarpradesh.nic.in पर अपलोड करने की प्रक्रिया जारी है, और आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनावों में इन्हीं सूचियों का इस्तेमाल किया जाएगा। चुनाव आयोग की ओर से तारीखों की घोषणा के बाद SIR की औपचारिक शुरुआत होगी।

बिहार में पहले हुए SIR के बाद जारी फाइनल वोटर लिस्ट में 7.42 करोड़ मतदाता दर्ज किए गए। जांच के दौरान कई जिलों में मतदाताओं की संख्या घट गई क्योंकि फर्जी वोटर्स और घुसपैठियों के नाम हटाए गए। विशेष रूप से नेपाल और बांग्लादेश से सटे जिलों — पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, किशनगंज और पूर्णिया — में मतदाताओं की संख्या में गिरावट दर्ज की गई।

अब उत्तर प्रदेश में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। राज्य में अगला विधानसभा चुनाव 2027 में होना है, जिसमें सभी 403 सीटों पर मतदान होगा, जबकि लोकसभा चुनाव 2029 में निर्धारित हैं। आयोग चाहता है कि समय रहते मतदाता सूची को शुद्ध और अद्यतन किया जाए ताकि चुनाव पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सकें।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला यूपी में नए राजनीतिक समीकरणों को जन्म दे सकता है। विपक्ष इस प्रक्रिया को लेकर सवाल उठा सकता है, खासकर यदि बिहार की तरह कुछ जिलों में मतदाताओं की संख्या में कमी आती है। अब देखना यह है कि SIR की प्रक्रिया कब शुरू होती है और इसका असर प्रदेश की राजनीति पर कितना पड़ता है।

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