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डोडा आतंकी हमले में कैप्टन सहित पांच जवान शहीद, तलाशी अभियान जारी

डोडा आतंकी हमले में कैप्टन सहित पांच जवान शहीद, तलाशी अभियान जारी

जम्मू क्षेत्र के डोडा जिले के घने जंगलों में सोमवार रात को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच एक घातक मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के कैप्टन बृजेश थापा सहित पांच जवान शहीद हो गए, जबकि दो अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सुरक्षा बलों ने व्यापक क्षेत्र को घेरकर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

मुठभेड़ का घटनाक्रम
सोमवार रात को, सुरक्षा बलों को डोडा के दीसा जंगल में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। इसके बाद, सेना, पुलिस और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) की एक संयुक्त टीम ने इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया। जैसे ही जवान संदिग्ध स्थान के करीब पहुंचे, वहां छिपे हुए आतंकवादियों ने अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी. राजेश, सिपाही विजेंद्र, सिपाही अजय और एसओजी के एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।

शहीद जवानों का बलिदान
घायल जवानों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां मौजूद डॉक्टरों ने कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी. राजेश, सिपाही विजेंद्र, सिपाही अजय और एसओजी के जवान को मृत घोषित कर दिया। बाकी दो घायल जवानों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है और उन्हें विशेष इलाज के लिए उच्च चिकित्सा केंद्र भेजा गया है।

तलाशी अभियान और सुरक्षा व्यवस्था
इस हमले के बाद, मंगलवार को सुरक्षा बलों ने पूरे जंगल को घेर लिया और आतंकवादियों के भागने के सभी संभावित रास्तों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सेना, पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स और पैराकमांडो की टीमें जंगल में भेजी गई हैं ताकि छिपे हुए आतंकवादियों को पकड़ा जा सके।

सुरक्षा बलों की रणनीति
सुरक्षा बलों ने जंगल के विभिन्न हिस्सों में तलाशी अभियान को तेज कर दिया है और सभी सुरागों का बारीकी से निरीक्षण किया जा रहा है। स्थानीय निवासियों को सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने का आग्रह किया गया है।

घटनास्थल पर तनावपूर्ण स्थिति
घटनास्थल पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन सुरक्षा बलों की तत्परता और दृढ़ संकल्प से स्थानीय निवासियों को सुरक्षा का भरोसा दिया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आतंकवादियों को किसी भी हालत में भागने नहीं दिया जाएगा और उन्हें जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा।

यह मुठभेड़ सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुई है, लेकिन उनके साहस और बलिदान ने आतंकवादियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया है। शहीद जवानों के परिवारों के प्रति पूरे देश की संवेदनाएं हैं और उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

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